विनायक दामोदर सावरकर (1883-1966)
विनायक दामोदर सावरकर को वीर सावरकर के नाम से जाना जाता था, उनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था।
वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने 1887 की क्रांति को स्वतंत्रता का प्रथम युद्ध कहा था।
उन्होंने पुणे में अभिनव भारत सोसाइटी नामक संगठन की थी लन्दन में उन्होंने फ्री इंडिया सोसाइटी का गठन किया।
विनायक दामोदर सावरकर ने “जोसफ मैजिनी – जीवन कथा व राजनीती” नामक पुस्तक लिखी। उन्होंने 1857 की क्रान्ति पर “द इंडियन वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस” नामक पुस्तक का प्रकाशन किया था। इसके अलावा उन्होंने रत्नागिरी में कैद के दौरान “हिंदुत्व – हु इस हिन्दू” नामक पुस्तक भी लिखी।
हालांकि वे हिन्दू महासभा के संस्थापक नही थे, परन्तु वे 1937 से 1943 के बीच हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे।
वीर सावरकर ने भारत को “हिन्दू राष्ट्र” के रूप में एक निर्मित किये जाने का समर्थन किया, उन्होंने राष्ट्रवादी राजनीतिक विचारधारा “हिंदुत्व” के विकास किया।
उनके सम्मान में अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर के हवाईअड्डे का नाम वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा रखा गया है।
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विनायक दामोदर सावरकर (1883-1966)
विनायक दामोदर सावरकर को वीर सावरकर के नाम से जाना जाता था, उनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था।
वे एक स्वतंत्रता सेनानी थे, उन्होंने 1887 की क्रांति को स्वतंत्रता का प्रथम युद्ध कहा था।
उन्होंने पुणे में अभिनव भारत सोसाइटी नामक संगठन की थी लन्दन में उन्होंने फ्री इंडिया सोसाइटी का गठन किया।
विनायक दामोदर सावरकर ने “जोसफ मैजिनी – जीवन कथा व राजनीती” नामक पुस्तक लिखी। उन्होंने 1857 की क्रान्ति पर “द इंडियन वॉर ऑफ़ इंडिपेंडेंस” नामक पुस्तक का प्रकाशन किया था। इसके अलावा उन्होंने रत्नागिरी में कैद के दौरान “हिंदुत्व – हु इस हिन्दू” नामक पुस्तक भी लिखी।
हालांकि वे हिन्दू महासभा के संस्थापक नही थे, परन्तु वे 1937 से 1943 के बीच हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे।
वीर सावरकर ने भारत को “हिन्दू राष्ट्र” के रूप में एक निर्मित किये जाने का समर्थन किया, उन्होंने राष्ट्रवादी राजनीतिक विचारधारा “हिंदुत्व” के विकास किया।
उनके सम्मान में अंडमान व निकोबार के पोर्ट ब्लेयर के हवाईअड्डे का नाम वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा रखा गया है।
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वे खुलेआम इन कुरीतियों का विरोध करते थे। यही वजह थी कि वे कई बार धर्म के ठेकेदारों के दुश्मन भी बन जाते थे। आपको बता दें कि सावरकर का जन्म महाराष्ट्र में नासिक के निकट भागुर गांव में 28 मई 1883 को हुआ था। उनकी माता जी का नाम राधाबाई तथा पिता जी का नाम दामोदर पन्त सावरकर था।