Music, asked by dikshamehta719, 3 months ago

वीणा के तार पर स्वरों की स्थापना करने वाले सर्वप्रथम संगीतज्ञ​

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Answered by amitranjan3311
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जागरण संवाददाता, यमुनानगर : ग्लोबल इडियन की उपाधि से विभूषित सात्विक वीणा वादक सलील भट्ट (ग्रैमी अवार्ड विजेता विश्वमोहन भट्ट के बेटे) ने वीणा पर स्वरों को झंकृत किए, तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। सूर-ताल और लय यह सिलसिला घटों तक अबाध जारी रहा।

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Answered by franktheruler
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वीणा के तार पर स्वरों की स्थापना करने वाले सर्वप्रथम संगीतज्ञ सलिल भट्ट है

  • वीणा भारत का सबसे पुराना वाद्य यंत्र है।
  • यश पूरे देश में भारतीय लोकाचार का प्रतीक है।
  • वीणा, वाद्य यंत्र विद्या की देवी सरस्वती का वाद्य यंत्र है, देवी सरस्वती इसे अपने हाथों में धारण करती है।
  • इस वाद्य को भारत के सभी तार यंत्रों के अग्र दूत के रूप में माना जाता है।
  • वीणा संगीत के अनेक मौलिक नियमो के मानकीकरण में सहायक बनी है।
  • सितार, सरोद , मंडोलिन व गिटार जैसे वाद्य यंत्रों ने वीणा से भिन्न भिन्न तकनीकी तथा भौतिक पहलुओं को स्वीकारा है जिसके कारण उनके प्रदर्शनों की सूची समृद्ध हुई है।
  • वीणा की हिन्दुस्तानी व कर्नाटक नाम की दो अलग अलग वादन परंपराएं है।
  • इन परंपराओं में ढोल : पखावज व मृदंगम का प्रयोग किया जाता है।

#SPJ2

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