विनमता केवल वडों के पति नही
होती। बशर वालों और अपने से बोलो
कि प्रति भी जमता और स्नेह का भाव
होना चाहिए
Answers
Answer:
अभी तो, बच्चों को प्यार करते हैं उसे ही प्रेम मानते हैं न!
दादाश्री : ऐसा? प्रेम तो ये चिडि़या को उसके बच्चों पर होता है। वह चिडि़या चैन से दाने लाकर और घोंसले में आती है, इसलिए वे बच्चे 'माँ आई, माँ आई' करके रख देते है। तब चिडि़या उन बच्चों के मुँह में दाने रख देती है। 'वह दानें कितने रखे रखती होगी अंदर मुँह में? और किस तरह एक-एक दाना निकालती होगी?' ऐसे मैं विचार में पड़ गया था। वह चारों ही बच्चों को एक-एक दाना मुँह में रख देती है।
प्रश्नकर्ता : पर उनमें आसक्ति कहाँ से आती है? उनमें बुद्धि नहीं है न!
दादाश्री : हाँ, वही मैं कहता हूँ न? इसलिए यह तो एक देखने के लिए कहता हूँ। असल में तो वह प्रेम माना ही नहीं जाता। प्रेम समझदारीपूर्वक का होना चाहिए। पर वह भी प्रेम माना नहीं जाता पर फिर भी अपने यहाँ दोनों का भेद समझाने के लिए उदाहरण देते हैं। अपने लोग नहीं कहते कि भाई, इस गाय को बछड़े पर कितना भाव है? आपको समझ आया न? उसके अंदर वह बदले की आशा नहीं होती न!.
संदर्भ :
Explanation:
प्रेम तो ये चिडि़या को उसके बच्चों पर होता है। ... प्रेम समझदारीपूर्वक का होना चाहिए। पर वह भी प्रेम माना नहीं जाता पर फिर भी अपने यहाँ दोनों का भेद समझाने के लिए उदाहरण देते हैं। अपने लोग नहीं कहते कि भाई, इस गाय को बछड़े पर कितना भाव है? ... Q. पति-पत्नी के बीच प्यार होने के बावजूद भी वे क्यों झगड़ते हैं?