Hindi, asked by stuteesharma87, 4 months ago

वानप्रस्थ आश्रम के कर्तव्यों का पालन घर में रहकर भी किया जा सकता है। कैसे?​

Answers

Answered by renusinghjayesha429
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Answer:

वानप्रस्थी का कर्तव्य है कि वह समाज की बुराइयों को मिटाने तथा समाज में वैदिक ज्ञान के प्रचार प्रसार में अपना योगदान दें। जो लोग सनातन मार्ग से भटककर किसी अन्य मार्ग पर चले गए हैं उन्हें वापस सही मार्ग पर लाना तथा वैदिक धर्म को कायम रखने के लिए अथक प्रयास करना ही वानप्रस्थी का कर्तव्य है।

पुराणकारों ने वानप्रस्थ आश्रम को दो रूपों 'तापस' और 'सांन्यासिक' में विभाजित किया है। माना जाता है कि जो व्यक्ति वन में रहकर हवन, अनुष्ठान तथा स्वाध्याय (वेद और स्वयं का अध्ययन) करता है, वह 'तापस वानप्रस्थी' कहलाता है और जो साधक कठोर तप करता तथा ईश्वराधना में निरन्तर लगा रहता है, उसे 'सांन्यासिक वानप्रास्थी' कहते हैं।

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