विनती सुन लो हे भगवान ! हम सब बालक हैं नादान । हाथ जोड़कर हम सब करते , रोज़ तुम्हारा ही गुणगान । वीर बनें हम , धीर बनें हम , पढ़ - लिखकर हम बनें महान । करें सदा भारत की सेवा , दो हमको ऐसा वरदान । जीवन मूल्य : हमें बड़े होकर अपने देश की सेवा करनी चाहिए ।
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विनती सुन लो हे भगवान ! हम सब बालक हैं नादान।
हाथ जोड़कर हम सब करते , रोज़ तुम्हारा ही गुणगान।
वीर बनें हम, धीर बनें हम, पढ़-लिखकर हम बनें महान।
करें सदा भारत की सेवा, दो हमको ऐसा वरदान।
जीवन मूल्य : हमें बड़े होकर अपने देश की सेवा करनी चाहिए।
भावार्थ : नन्हे बालक ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि ईश्वर आप हमारी सारी प्रार्थनाएं सुन लो। हम हाथ जोड़कर आपसे निवेदन करते हैं। हम आपके आपका गुणगान करते हैं। आप हमें सदैव वीर बनाओ, हमे सदैव साहसी बनाओ। हम धीरज धारण करने वाले बनें। हम पढ़ लिख कर महान कार्य करें और महान बने। हम सदैव अपने देश भारत की सेवा करें, ऐसा आप हमको वर प्रदान करो।
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इस कविता से हमे क्या शिक्षा मिलती है ?
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