India Languages, asked by jaisairamji82, 5 months ago

विनयोपेता इत्यस्य विच्छेदं किं भविष्यति? --- *​

Answers

Answered by mittalraval580120
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Explanation:

उन्होंने अपना सारा धार्मिक साहित्य हिन्दी में लिखा। उनका कहना था कि 'हिन्दी के द्वारा सारे भारत को एक सूत्र में पिरोया जा सकता है'। वे इस 'आर्यभाषा' को सर्वात्मना देशोन्नति का मुख्य आधार मानते थे। उन्होंने हिन्दी के प्रयोग को राष्ट्रीय स्वरूप प्रदान किया। वे कहते थे, 'मेरी आँखें उस दिन को देखना चाहती है जब कश्मीर से कन्याकुमारी तक सब भारतीय एक भाषा समझने और बोलने लग जायँ।'

अरविंद दर्शन के प्रणेता अरविंद घोष की सलाह थी कि 'लोग अपनी-अपनी मातृभाषा की रक्षा करते हुए सामान्य भाषा के रूप में हिन्दी को ग्रहण करें।

थियोसोफिकल सोसायटी (1875 ई०) की संचालिका ऐनी बेसेंट ने कहा था : 'भारतवर्ष के भिन्न-भिन्न भागों में जो

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