विनय पत्रिका के उद्देश्य
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राम-नाम की विराटता, गरिमा और प्रभाव ही विनयपत्रिका का प्रतिपाद्य है और गोस्वामीजी का सर्वस्व है। मानव-चेतना का जागरण इसका समष्टिगत प्रयोजन है। इस रचना के मूल में भक्ति के माध्यम से मनुष्य जीवन के परम लक्ष्य के स्वरूप और उसकी प्राप्ति के अत्यंत सहज भाव दिखायी पड़ते हैं।
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