Hindi, asked by beherab762, 3 months ago

वि पुिकनन, वि उठ लर्मिनन, वि आदर की बात।

वि प वनन गोपि की, कछू न िानी िात।।

घर-घर कर ओड़त फफरे, तनक दिी के काि।

किा भयो िो अब भयो, िरर को राि-सर्माि।

िौं आवत नािीिं िुतौ, वािी प यो े लि।।

अब कठििौं सर्मुझाय कै, बिु धन धरौ सकेलि।।

वैसोई राि सर्माि बने, गि, बाब्ि घने र्मन सिंभ्रर्म छायो।

कैधों परयो किुुँर्मारग भूलि, फक फै रर कै र्मैं अब दवारका आयो।।

भौन बबिोफकबे को र्मन िोित, सोित िी सब गाुँव र्मुँझायो।

पूुँछत पाुँडे फफरे सब सों, पर झोपरी को किुुँखोि न पायो।।

क) सुदामा को श्री कृष्ण क कन -कन सी बातें याद आ रही थी?

ख) सुदामा अप ी पत् ी पर क्यों खीझ रहे थ?े

ग) सुदामा भ्रम में क्यों पड़ गए?

घ) सुदामा के गााँव में क्या पररवतत आ गया था?

ङ) 'घर-घर कर ओड़त फिरे, त क दही के काज' पंक्क्त का अथत स्पष्ट करें।

च) उपयुतक्त पदयांश के रचययता कन है?​

Answers

Answered by Anonymous
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☞कवि और कविता का नाम लिखिए। कविता का नाम-सुदामा चरित। सुदामा को श्री कृष्ण की कौन-कौन सी बातें याद आ रही थी? Answer: सुदामा को देखते ही कृष्ण का खुशी से भर उठना, गले लगाना, सिंहासन तक ले जाना और सिंहासन पर बिठाना, पैर धोना, आदर, सम्मान देना आदि बातें याद आ रही थीं।

☞वे कृष्ण के व्यवहार से खीझ रहे थे क्योंकि केवल आदर सत्कार करके ही श्रीकृष्ण ने सुदामा को खाली हाथ भेज दिया था। वे तो कृष्ण के पास जाना ही नहीं चाहते थे। परन्तु उनकी पत्नी ने उन्हें भेज दिया। उन्हें इस बात का पछतावा भी हो रहा था कि माँगे हुए चावल भी हाथ से निकल गए और कृष्ण ने कुछ दिया भी नहीं।

☞अपने गाँव पहुँचने पर सुदामा ने देखा कि सब कुछ बदला-बदला है। उन्होंने वहाँ पाया कि सब कुछ द्वारिका नगरी जैसा परिवर्तित हो चुका था तब उन्हें भ्रम हो गया कि कहीं फिर से घूमकर द्वारिका नगरी तो नहीं पहुंच गए।

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