विपणन की परंपरागत और आधुनिक विचारधारा में अंतर कीजिए
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विपणन कि परंपरागत और आधुनिक विचारधारा में अंतर कीचिए
विपणन की परंपरागत और आधुनिक विचारधारा में अंतर इस प्रकार है...
विपणन की पुरानी परंपरागत विचारधारा के अनुसार व्यवसाय का मूल उद्देश्य अधिकतम लाभ कमाना होता था। इस विचारधारा में विपणन का मूलभूत कार्य वस्तुओं को उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुँचाना होता था। उसके बाद उत्पादक, विक्रेता का कार्य खत्म माना जाता था। अर्थात वस्तु की किसी भी तरह बिक्री करके लाभ कमाना ही मूलभूत उद्देश्य होता था।
विपणन की आधुनिक विचारधारा के अनुसार वस्तु के स्थान पर ग्राहकों को अधिक महत्व दिया जाता है। इस विचारधारा को ग्राहक अभिमुखी विचारधारा कहते हैं। इस विचारधारा में ऐसी वस्तुओं का निर्माण किया जाता है, जो ग्राहकों की अभिरुचि और आवश्यकताओं के अनुरूप हो और वस्तुओं के उत्पादन में ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखा जाता है। आवश्यकता पड़ने पर वस्तु की बिक्री के उपरांत भी सेवा प्रदान की जाती है।