Business Studies, asked by kunjam6621, 1 year ago

विपणन प्रबन्ध से ग्राहकों के ज्ञान में वृद्धि कैसे होती है?

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Answered by gardenheart653
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प्रारंभिक समय में विपणन से तात्पर्य वस्तुओं के क्रय-विक्रय से था। दूसरे शब्दों में माल को उत्पादक से

उपभोक्ता तक पहुंचाने वाली सभी क्रियाओं को विपणन में सम्मिलित किया जाता था। उत्पादन बाहुल्य एवं विविधता

के फलस्वरूप विपणन के क्षैत्र में आमूल-चूल परिवर्तन हुए तथा विपणन का केन्द्र बिन्दु उपभोक्ता बन गया फलत:

विक्रेता का बाजार क्रेता के बाजार के रूप में परिवर्तित होने लगा। विपणन की परिभाषाओं को दो भागों में बांट कर

अध्ययन करना सुविधाजनक होगा:-

व्हीलर के अनुसार:-’’विपणन उन समस्त साधनों एवं क्रियाओं से सम्बन्धित है जिनसे वस्तुएँ एवं सेवाएँ

उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुचती हैे’’

पायले के अनुसार:-’’विपणन में क्रय एवं विक्रय दोनो ही क्रियाएँ सम्मिलित होती है।’’

अमेरिकन मार्केटिग एसोसिएशन के अनुसार:-’’विपणन उन व्यवसायिक क्रियाओं का निष्पादन करना है

जो उत्पादक से उपभोक्ता की बीच वस्तुओं तथा सेवाओं के प्रवाह का नियमन करती है।’’

फिलिप कोटलर के अनुसार-’’विपणन वह मावनीय क्रिया है जो विनिमय प्रकियाओं के द्वारा

आवश्यकताओं एवं इच्छाओं की सन्तुष्टि के लिए की जाती है।

प्रो. पाल मजूर के शब्दो में-’’समाज को जीवन स्तर प्रदान करना ही विपणन है।’’

हैन्सन के शब्दो में-’’विपणन उपभोक्ता की आवश्यकताओं को खोजने एवं उनको वस्तुओ तथा सेवाओं

में परिवर्तित करने की क्रिया है। तदउपरान्त अधिकाधिक उपभोक्ताओं द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं से

अधिकाधिक आनन्द प्राप्त करना है।’’

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