विपरीत परिस्थिति में समस्या समाधान कैसे करें
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रतलाम। परिस्थिति को परिश्रम से ही बदला जा सकता है। यह प्रभु की कारीगरी है कि उन्होंने पहले तकदीर बनाई और फिर रचा शरीर, मनुष्य जन्म चुनोतियों से संघर्ष कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए मिला है। आज समाज में जरा-सी प्रतिकूलता में लोग अपना जीवन दांव पर लगा देते है, आत्महत्या किसी भी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। विपरीत परिस्थितियों के कारण ख़ुदकुशी करने वाले लोगों को ये सिधांत समझ लेना चाहिए कि परिस्थिति स्थिर नहीं है, लेकिन जीवन अनमोल है
यह विचार महामंडलेश्वर स्वामी चिदम्बरानन्द सरस्वती ने ब्रह्मलीन स्वामी ज्ञानानन्द महाराज के 28वे पुण्य स्मृति महोत्सव के दुसरे दिन अखंड ज्ञान आश्रम में व्यक्त किए। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में देशभर से भक्त बड़ी संख्या में धर्म लाभ लेने पहुंच रहे है। महामंडलेश्वर स्वामी स्वरूपानन्द महाराज के सानिध्य में य।जमान वीणा अशोक गोयल परिवार ने पोथी पूजन किया। आश्रम सहसंचालक स्वामी देवस्वरूपानन्द महाराज सहित गणमान्यजनों ने स्वागत कर आशीर्वाद लिया।
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Answer:
जिस स्थिति या परिस्थिति को हमारा मन जटिल मानता है या यूं कहें जिसमें अनुकूलित नहीं हो पाता उसे समस्या माना जाता है। कहने का आशय यह है कि समस्या हमारी दृष्टि पर आधारित होती है।
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