वापसी कहानी की तात्विक समीक्षा कीजिये
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वापसी कहानी की तात्विक समीक्षा
वापसी कहानी लेखिका ‘उषा प्रियंवदा’ द्वारा लिखी गई है|‘वापसी’ कहानी पुरुष पर केन्द्रित कहानी है।
कहानी में लेखिका ने इस कहानी में गजाधर बाबू के रूप में नौकरी से सेवानिवृत्त हो कर घर लौटे पुरुष मन की व्यथा का चित्रण किया है। गजाधर बाबू ने जो अपने परिवार के साथ रहने के सपने देखे थे लेकिन उनके परिवार वालों ने उन्हें बस एक मेहमान की तरह व्यवहार किया |
गजाधर बाबू कहानी के मुख्य पात्र होने के साथ परिवार के मुखिया भी हैं किन्तु अपने ही परिवार में वे उपेक्षित हो कर जीने पर विवश हैं। स्नेही स्वभाव के व्यक्ति होने पर भी वे परिवार के स्नेह से दूर रहना पड़ा । परिवार से जुड़ कर जीने की इच्छा को मन में लिए घर लौटे तो हैं फिर भी परिवार के बीच अकेले जीने पर विवश कर दिया मजबूरी में उन्हें दूसरी नौकरी के लिए जाना पड़ा |
सालों बाद घर आए उन्हें वापिस जाना पड़ा | इस कहानी में व्यक्ति और परिवार के टूटते संबंधों का संकेत देता है |
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वापसी कहानी की तात्विक समीक्षा कीजिये