"वीर भोग्या वसुंधरा" का क्या अर्थ है
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"वीर भोग्या वसुंधरा" का क्या अर्थ है :
वीर भोग्या वसुंधरा’ का अर्थ है जो साहसी होते हैं, जो शूरवीर होते हैं, समर्थ होते हैं, वे ही धरती के संसाधनों का उपभोग करने के सही अधिकारी हैं।
‘वीर भोग्या वसुंधरा’ यह सूत्र वाक्य श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोक का एक अंश है, पूर्ण श्लोक इस प्रकार है...
न ही लक्ष्मी कुलक्रमज्जता, न ही भूषणों उल्लेखितोपि वा।
खड्गेन आक्रम्य भुंजीत:, वीर भोग्या वसुंधरा।।
व्याख्या :
अर्थ : श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि ना तो लक्ष्मी या किसी निश्चित कुल के क्रमानुसार किसी का निर्धारण होता है, और ना ही आभूषणों पर उसके स्वामी का चित्र अंकित होता है। बल्कि वे लोग जो साहसी होते हैं, शूरवीर होते हैं, वही इस धरती के संसाधनों का उपयोग करने के सच्चे अधिकारी होते हैं और वही इस धरती को सही रूप से भोगते हैं। कहने का भाव यह है कि जो व्यक्ति जितना अधिक कुशल एवं निपुण होगा, जितना समर्थ होगा, वह व्यक्ति के संसाधनों का भली भांति उपभोग कर पायेगा।
Answer:
वीर भोग्या वसुंधरा का अर्थ है, जो वीर अपने शस्त्र और अपनी ताकत से मातृभूमि की रक्षा करते हैं।
Explanation:
नरेंद्र मोदी ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा है कि जो वीर साहसी होते है, समर्थ होते है, और शूरवीर होते है,जो धरती के लिए मर मिटने के लिए आगे बढ़ते हैं बिना डरे, वही धरती का भोग करने के अधिकारी होते है। जमीन उसी वीर को नसीब होती हैं जो इसकी रक्षा करते हैं चाहे वह किसी भी जाति धर्म यह समाज का हो।
अतः सही उत्तर है,शस्त्र और अपनी ताकत से मातृभूमि की रक्षा करने वाले।
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