Hindi, asked by nityajain251208, 2 months ago

वीर कुँवर सिंह के व्यक्तितव की कौन-कौनसी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?

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Answered by simantasahu
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Answer:

वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्न विशेषताएँ हमें प्रभावित करती हैं-

1) वीर सेनानी-कुँवर सिंह महान वीर सेनानी थे। 1857 के विद्रोह में उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व अंग्रेजों को कदम-कदम पर परास्त किया। कुँवर सिंह की वीरता पूरे उत्तर भारत द्वारा भुलाई नहीं जा सकती। आरा पर विजय प्राप्त करने पर इन्हें फौजी सलामी भी दी गई।

2)स्वाभिमानी-इन्होंने वीरता के साथ-साथ स्वाभिमानी की भी मिसाल दी। जब वे शिवराजपुर से गंगा पार करते हुए जा रहे थे तो डगलस की गोली का निशाना बन गए। उनके हाथ पर गोली लगी। उस समय वे न तो वहाँ से भागे और न ही उपचार की चिंता की, बल्कि हाथ ही काटकर गंगा में बहा दिया।

3)उदार स्वभाव-वे अत्यधिक उदार स्वभाव के थे। किसी प्रकार का कोई जातिगत भेदभाव उनमें न था। यहाँ तक कि उनकी सेना में इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन मुसलमान होते हुए भी उच्च पदों पर आसीन थे। वे हिंदू-मुसलमान दोनों के त्योहार सबके साथ मिलकर मनाते थे।

4)दृढ़निश्चयी-उन्होंने अपना जीवन देश की रक्षा हेतु समर्पित किया। जीवन के अंतिम पलों में इतने वृद्ध हो जाने पर भी सदैव युद्ध हेतु तत्पर रहते थे। यहाँ तक कि मरने से तीन दिन पूर्व ही उन्होंने जगदीशपुर में विजय पताका फहराई।।

5)समाज सेवक-एक वीर सिपाही के साथ-साथ वे समाज सेवक भी थे। उन्होंने कई पाठशालाओं, कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया। वे निर्धनों की सदा सहायता करते थे।

6)साहसी-कुँवर सिंह का साहस अतुलनीय है। 13 अगस्त, 1857 को जब कुँवर सिंह की सेना जगदीशपुर में अंग्रेजों से परास्त हो गई तो उन्होंने साहस न छोड़ा, बल्कि भावी संग्राम की योजना बनाने लगे। सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर, लखनऊ से आजमगढ़ की ओर बढ़ते हुए उन्होंने आजादी की आग को जलाए रखा। पूरे उत्तर भारत में उनके साहस की चर्चा थी। अंत में 23 अप्रैल, 1858 को आजमगढ़ में अंग्रेजों को हराते हुए उन्होंने जगदीशपुर में स्वाधीनता की विजय पताका फहरा कर ही दम लिया। |

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