Hindi, asked by ka72ldee06p, 15 days ago

वीर पंचनद के सपूत मातृभूमि के सो गए प्रतारणा की थपकी लगी उन्हें छल-बलिवेदी पर आज सब सो गए। रूप भरी, आशा भरी, यौवन अधीर भरी पुतली प्रणयिनी का बाहुपाश खोलकर दूध भरी दूधी सी दुलार भरी माँ की गोद, सूनी कर सो गए।सुंदर प्रसंग ​

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Answered by coolanita1986a49
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I don't know this language pls try later

Answered by ajay8117
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