Hindi, asked by singhprabhat4316, 1 month ago

वीर पंचनद के सपूत मातृभूमि के सो गए प्रतारणा की थपकी लगी उन्हें छल-बलिवेदी पर आज सब सो गए। रूप भरी, आशा भरी, यौवन. अधीर भरी पुतली प्रणयिनी का बाहुपाश खोलकर दूध भरी दूधी सी दुलार भरी माँ की गोद, सूनी कर सो गए।

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Answered by kumarajay27644
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Answered by mishrasajjan130
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वीर पंचनंद के सपूत मातृभूमि के सो गए प्रतारणा की थपकी लगी हुई है चैलेंज दे दी पर आज सब सो गए रूप भरी आशा भवन अधिकारी पुतली का बहू पास खोलकर दूध खरीद उदशी दुलार भरी मां की गोद सूनी कर सो गए

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