Hindi, asked by princeji75, 1 year ago

वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित hindi ma

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Answered by vibhu73
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वीर रस का स्थायी भाव उत्साह होता है और इस रस के अंतर्गत जब युद्ध या कठिन कार्य को करने के लिए मन में जो उत्साह की भावना जागृत होती है उसे ही वीर रस कहा जाता है। इस रस में शत्रु पर विजय प्राप्त करने, कीर्ति प्राप्त करने आदि की भवन प्रकट होती है।

वीर रस के अवयव-

वीर रस के अवयव निम्न प्रकार हैं।

स्थाई भाव- उत्साह।

आलंबन (विभाव)-अत्याचारी शत्रु।

उद्दीपन- शत्रु का अहंकार, रणवाद्य, यश की इच्छा आदि।

अनुभाव -गर्वपूर्ण उक्ति, प्रहार करना, रोमांच आदि।

संचारी भाव-आवेग, उग्रता, गर्व, औत्सुक्य, चपलता आदि।

वीर रस का उदाहरण-

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।

हाथ में ध्वज रहे बाल दल सजा रहे,

ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो।

सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो

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