Hindi, asked by arsalanrajput076107, 8 months ago

वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए​

Answers

Answered by shivangimannsharma8
31

Answer:

वीर रस- शत्रु के उत्कर्ष को मिटाने दिनों की दुर्दशा देखकर उनका उद्धार करने और धर्म का उद्धार करने आदि में जो उत्साह मन में उमड़ता है वही वीर रस का स्थाई भाव है जिसकी पुष्टि हो ने पर वीर रस की सिद्धि होती है

Explanation:

उदाहरण -साजि चतुरंग सैन अंग में उमंग धारी,

सुरजा शिवाजी जंग  जीतन चलत है

भूषण भरतनाद नगारन  के

नदी नाथ मद गैबरन  के रलत है

प्रस्तुत पद में शिवाजी की चतुरंगी नी सेना के प्रयास का चित्रण है इसमें शिवाजी के हृदय का उत्साह स्थाई भाव है युद्ध को जीतने की इच्छा आलंबन है नगाड़ों का बजना उद्दीपन है हाथियों के मद का बहना अनुभव है तथा उग्रता संचारी भाव है इसमें सबसे पुष्ट उत्साह नामक स्थाई भाग वीर रस की दशा को प्राप्त हुआ है

Similar questions