Hindi, asked by indra1903singh, 2 months ago

वीर रस की परिभाषा उदाहरण सहित समझाइए​

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Answered by imankitece
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Answer:

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैं

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥इसी तरह, यह युद्ध का वर्णन भी वीर रस का द्योतक है-

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥इसी तरह, यह युद्ध का वर्णन भी वीर रस का द्योतक है-"बातन बातन बतबढ़ होइगै, औ बातन माँ बाढ़ी रार,

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥इसी तरह, यह युद्ध का वर्णन भी वीर रस का द्योतक है-"बातन बातन बतबढ़ होइगै, औ बातन माँ बाढ़ी रार,दुनहू दल मा हल्ला होइगा दुनहू खैंच लई तलवार।

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥इसी तरह, यह युद्ध का वर्णन भी वीर रस का द्योतक है-"बातन बातन बतबढ़ होइगै, औ बातन माँ बाढ़ी रार,दुनहू दल मा हल्ला होइगा दुनहू खैंच लई तलवार।पैदल के संग पैदल भिरिगे औ असवारन ते असवार,

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।[1][2]युद्ध अथवा किसी कार्य को करने के लिए ह्रदय में जो उत्साह का भाव जागृत होता है उसमें वीर रस कहते हैंबुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी।खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥इसी तरह, यह युद्ध का वर्णन भी वीर रस का द्योतक है-"बातन बातन बतबढ़ होइगै, औ बातन माँ बाढ़ी रार,दुनहू दल मा हल्ला होइगा दुनहू खैंच लई तलवार।पैदल के संग पैदल भिरिगे औ असवारन ते असवार,खट-खट खट-खट टेगा बोलै, बोलै छपक-छपक तरवार॥

Answered by nihaltamboli37
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Explanation:

वीर रस, नौ रसों में से एक प्रमुख रस है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।

example: खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥

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