Hindi, asked by swati21512, 1 year ago

वीर रस का उद्दीपन विभव​

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Answered by pankajkumar66
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hey mate!

वीर रस हिन्दी भाषा में रस का एक प्रकार है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।

साजि चतुरंग सैन अंग मैं उमंग धारि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत है । भूषन भनत नाद बिहद नगारन के, नदी नद मद गैबरन के रलत हैं ।।

बुंदेले हर बोलो के मुख हमने सुनी कहानी थी,खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी |

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