Hindi, asked by pkj54, 5 months ago

वीर रस प्रधान रचना में कौन सा गुण प्रधान होता है

Answers

Answered by ramnayak1973
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Answer:

वीर रस हिन्दी भाषा में रस का एक प्रकार है। जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है। .

Explanation:

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Answered by shishir303
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वीर रस प्रधान रचना में कौन सा ‘ओज गुण’ प्रधान होता है।

स्पष्टीकरण :

‘ओज’ गुण से तात्पर्य काव्य के उस गुण से होता है, जिसको पढ़ने या सुनने से चित्त की वृत्ति उत्तेजित होकर जागृत हो उठती है, और उत्तेजना का अनुभव होने लगता है। ‘वीर रस’ रस के अधिकतर काव्यों में ‘ओज’ गुण की प्रधानता रहती है।

ओज गुणों से युक्त दो पंक्तियाँ है...

बुन्देले हरबोलों के मुख हमने सुनी कहानी थी।

खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।

ओज’ गुण काव्य के तीन प्रमुख गुणों में से एक है।

काव्य के तीन गुण हैं...

  • माधुर्य गुण
  • ओज गुण
  • प्रसाद गुण

‘माधुर्य’ गुण के काव्य को सुनने या पढ़ने से मन पुलकित हो उठता है और कानों में मधुरता का एहसास होता है।

‘ओज’ गुण के काव्य को सुनने या पढ़ने से चित्त की उत्तेजना जागृत होती है।

‘प्रसाद’ गुण के काव्य को सुनने या पढ़ने से हृदय और बुद्धि निर्मल हो उठते हैं, और चित्त शांत होकर खिल उठता है।

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