Chemistry, asked by Anonymous, 1 year ago

| वीर रस युक्त एक कविता​

Answers

Answered by Sanskar0020
8

Answer:

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

हाथ में ध्वजा रहे बाल दल सजा रहे

ध्वज कभी झुके नहीं दल कभी रुके नहीं

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो

तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

प्रात हो कि रात हो संग हो न साथ हो

सूर्य से बढ़े चलो चन्द्र से बढ़े चलो

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

एक ध्वज लिये हुए एक प्रण किये हुए

मातृ भूमि के लिये पितृ भूमि के लिये

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

अन्न भूमि में भरा वारि भूमि में भरा

यत्न कर निकाल लो रत्न भर निकाल लो

वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!

Answered by itspreet29
6

heya mate...

here is your poem.

.पराधीनता को जहाँ समझा श्राप महान

कण-कण के खातिर जहाँ हुए कोटि बलिदान

मरना पर झुकना नहीं, मिला जिसे वरदान

सुनो-सुनो उस देश की शूर-वीर संतान

आन-मान अभिमान की धरती पैदा करती दीवाने

मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने।

दूध-दही की नदियां जिसके आँचल में कलकल करतीं

हीरा, पन्ना, माणिक से है पटी जहां की शुभ धरती

हल की नोंकें जिस धरती की मोती से मांगें भरतीं

उच्च हिमालय के शिखरों पर जिसकी ऊँची ध्वजा फहरती

रखवाले ऐसी धरती के हाथ बढ़ाना क्या जाने

मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने।

आज़ादी अधिकार सभी का जहाँ बोलते सेनानी

विश्व शांति के गीत सुनाती जहाँ चुनरिया ये धानी

मेघ साँवले बरसाते हैं जहाँ अहिंसा का पानी

अपनी मांगें पोंछ डालती हंसते-हंसते कल्याणी

ऐसी भारत माँ के बेटे मान गँवाना क्या जाने

मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने।

जहाँ पढाया जाता केवल माँ की ख़ातिर मर जाना

जहाँ सिखाया जाता केवल करके अपना वचन निभाना

जियो शान से मरो शान से जहाँ का है कौमी गाना

बच्चा-बच्चा पहने रहता जहाँ शहीदों का बाना

उस धरती के अमर सिपाही पीठ दिखाना क्या जाने

मेरे देश के लाल हठीले शीश झुकाना क्या जाने।

hope it helps you


itspreet29: heya
itspreet29: yes I'll try to help you buddy
Similar questions