वीर सतसई की रचना किसने थी?
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Answer:
Suryamal Mishran is the answer
'वीर सतसई की रचना' के लेखक "सूर्यमल्ल मिश्रण" थे
Explanation:
राजस्थान के महान कवि सूर्यमल्ल मिश्रण का जन्म बूँदी जिले के हरणा गाँव में 19 अक्टोबर 1815 तदनुसार कार्तिक कृष्ण प्रथम वि.स. १८७२ को हुआ था। इनके पिता का नाम चण्डीदान तथा माता का नाम भवानी बाई था। इनके पिता भी अपने समय के प्रकांड विद्वान तथा प्रतिभावान कवि थे। बूंदी के तत्कालीन महाराजा विष्णु सिंह ने इनके पिता को एक गाँव, लाख पसाव तथा कविराजा की उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया था। सूर्यमल्ल मिश्रण बचपन से ही अद्भुत प्रतिभासंपन्न थे। अध्ययन में विशेष रुचि होने के कारण संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, पिंगल, डिंगल आदि कई भाषाओं में इन्हें दक्षता प्राप्त हो गई। उन्होंने स्वामी स्वरूपदास से योग, वेदान्त, न्याय, वैशेषिक साहित्य आदि की शिक्षा प्राप्त की। आशानन्द से उन्होंने व्याकरण, छंदशास्त्र, काव्य, ज्योतिष, अश्ववैधक, चाणक्य शास्त्र आदि की शिक्षा प्राप्त की तथा मुहम्मद से फ़ारसी एवं एक अन्य यवन से उन्होंने वीणा-वादन सीखा। इस प्रकार सूर्यमल्ल मिश्रण को प्रारंभ से ही शैक्षिक, साहित्यिक और ऐतिहासिक वातावरण मिला, जिससे उनमें विद्या, विवेक एवं वीरता का अनोखा संगम प्रस्फुटित हुआ। कवित्वशक्ति की विलक्षणता के कारण अल्पकाल में ही इनकी ख्याति चारों ओर फैल गई। बूँदी के अतिरिक्त राजस्थान और मालवे के अन्य राजाओं ने भी इनका यथेष्ट सम्मान किया। कविराजा बारहठ कृष्णसिंह ने वंश-भास्कर की उदधि-मंथिनी टीका की भूमिका में लिखा है कि महाभारत के रचनाकार महर्षि वेदव्यास के पश्चात् पिछले पांच हजार वर्षों में भारतवर्ष में सूर्यमल्ल जैसा विद्वान नहीं हुआ।