वार्षिक परीक्षा से 1 दिन पूर्व छात्रों के मध्य संवाद 40 शब्दों में लिखिए
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अभिषेक : अरे मोहन, कल से वार्षिक परीक्षाएं प्रारम्भ हो रही हैं।
रितेश : हाँ दोस्त सही है।
अभिषेक : इस बार परीक्षा की तैयारी कैसी हो रही है।
रितेश : मैंने अपने सामर्थ्य के अनुसार तो कर ली है किन्तु अर्द्धवार्षिक परीक्षा में प्राप्त कम अंकों का डर अभी भी सता रहा है और वो तो इस परीक्षा में जुड़ने भी हैं।
अभिषेक : यह बात तो बिलकुल सही है, अर्द्धवार्षिक परीक्षा में तुम्हारे बहुत ही कम नंबर आ पाए थे। बस पास ही हो पाये थे।
रितेश : और तुम बताओ, तुम्हारी तैयारी कैसी है, अद्धवार्षिक परीक्षा में तो पूरे विद्यालय में तुम्हारे ही सर्वाधिक अंक आए थे।
अभिषेक : बिलकुल! तो चलो अब बहुत समय हो गया है, कल से होने वाली वार्षिक परीक्षा की शुभकामनाओं सहित शुभरात्रि।
रितेश : तुम्हें भी वार्षिक परीक्षा हेतु शुभकामनाएं और शुभरात्रि।
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1) रोगी और वैद्य का संवाद –
रोगी- (औषधालय में प्रवेश करते हुए) वैद्यजी, नमस्कार!
वैद्य- नमस्कार! आइए, पधारिए! कहिए, क्या हाल है ?
रोगी- पहले से बहुत अच्छा हूँ। बुखार उतर गया है, केवल खाँसी रह गयी है।
वैद्य- घबराइए नहीं। खाँसी भी दूर हो जायेगी। आज दूसरी दवा देता हूँ। आप जल्द अच्छे हो जायेंगे।
रोगी- आप ठीक कहते हैं। शरीर दुबला हो गया है। चला भी नहीं जाता और बिछावन (बिस्तर) पर पड़े-पड़े तंग आ गया हूँ।
वैद्य- चिंता की कोई बात नहीं। सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं। कुछ दिन और आराम कीजिए। सब ठीक हो जायेगा।
रोगी- कृपया खाने को बतायें। अब तो थोड़ी-थोड़ी भूख भी लगती है।
वैद्य- फल खूब खाइए। जरा खट्टे फलों से परहेज रखिए, इनसे खाँसी बढ़ जाती है। दूध, खिचड़ी और मूँग की दाल आप खा सकते हैं।
रोगी- बहुत अच्छा! आजकल गर्मी का मौसम है; प्यास बहुत लगती है। क्या शरबत पी सकता हूँ?
वैद्य- शरबत के स्थान पर दूध अच्छा रहेगा। पानी भी आपको अधिक पीना चाहिए।
रोगी- अच्छा, धन्यवाद! कल फिर आऊँगा।
वैद्य- अच्छा, नमस्कार।