Hindi, asked by murmukabir19, 3 months ago

वीर तुम बढ़े चलो'- शीर्षक कविता में कवि ने 'वीर' कहकर किसे संबोधित किया है?​

Answers

Answered by munniprajapati1020
11

Answer:

Veer Tum badhe chalo Kavita mein kabhi Dil ka karar pukara hai kyunki ham aur hai hamen nahin chahie

Answered by sadiaanam
0

Answer:

इस कविता में कवि भारतीय सपूतों को वीर कहता है l

Explanation:

इस कविता में कवि भारतीय सपूतों को वीर कहता है। ये वो सपूत हैं जो देश की आजादी हेतु स्वतंत्रता संग्राम की बिगुल फूँकते हैं। वे वीर स्वतंत्रता संग्रामी लोग हैं।

कवि ने ‘वीर’ देश के हर नागरिक को कहा है। ‘वीर तुम बढ़े चलो’ शीर्षक कविता जो कि ‘द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी’ द्वारा लिखी गई है। इस कविता में कवि ने देश के हर नागरिक को आगे बढ़ने के लिए आह्वान किया है। यह एक प्रयाण गीत है। इसमें कवि का आह्वान करने का तात्पर्य यह है कि देश के हर नागरिक को अपने हाथ में राष्ट्रीय ध्वज लेकर बिना रुके आगे बढ़ते रहना चाहिए। चाहे सामने पहाड़ हो या सिंह खड़ा हो, बादल गरज रहे हो, बिजलियां कड़क रही हों। सुबह हो या रात हो। हमेशा बिना किसी भय के आगे बढ़ता रहना चाहिए।

कवि के कहने का तात्पर्य यह है कि इस कविता से हमें प्रेरणा मिलती है कि बाधाएँ जितनी भी आएँ हम अपने लक्ष्य पर एकाग्रचित होकर डटे रहें। देश के सम्मान की रक्षा के लिए हम भारतीयों को धैर्य रखना चाहिए। घबराना बिल्कुल नहीं चाहिए

कवि स्वतंत्रता संग्रामियों को प्रण करने को कहता है। वह प्रण है कि चाहे जान चली जाए पर देश की आन-बान-शान न जाए । हमारा तिरंगा सदैव हमारे हाथ में लहराता रहे। तिरंगे की शान ही हमारी मातृ एवं पितृ भूमि की प्रतिष्ठा है।

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