Hindi, asked by uditarora61, 7 months ago

वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो ।
सामने पहाड़ हो कि शेर की दहाड़ हो ।
तुम कभी रुको नहीं तुम कभी झुको नहीं .
ras btao​

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Answered by bhatiamona
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वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो ।

सामने पहाड़ हो कि शेर की दहाड़ हो ।

तुम कभी रुको नहीं तुम कभी झुको नहीं .

निम्न पंक्ति में वीर रस है |

व्याख्या :

वीर रस में स्थायी भाव उत्साह होता है इस रस में  जब युद्ध अथवा कठिन कार्य को करने के लिए मन में जो उत्साह की भावना होती है|

जंहा पे विषय और वर्णन में उत्साह युक्त वीरता के भाव को प्रदर्शित किया जाता है वंहा वीर रस होता है |

वीर रस के चार भेद है , युद्वीर , धर्मवीर , दानवीर , दयावीर है |

वीर रस  में इसमें शत्रु पर विजय प्राप्त करने, यश प्राप्त करने आदि प्रकट होती है|

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