वारली समाजात कोणत्या स्त्रिया लग्न विधी पार पडतात?
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एका विशिष्ट आदिवासी गटास जमात म्हणूनही संबोधण्यात येते उ
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विवाह, जिसे शादी भी कहा जाता है, दो लोगों के बीच एक सामाजिक या धार्मिक मान्यता प्राप्त मिलन है जो उन लोगों के बीच, साथ ही उनके और किसी भी परिणामी जैविक या दत्तक बच्चों तथा समधियों के बीच अधिकारों और दायित्वों को स्थापित करता है।

हिन्दू विवाह का सांकेतिक चित्रण
एक विवाह के समारोह को विवाह उत्सव (वेडिंग) कहते है।
विवाह मानव-समाज की अत्यंत महत्वपूर्ण प्रथा या समाजशास्त्रीय संस्था है। यह समाज का निर्माण करने वाली सबसे छोटी इकाई- परिवार-का मूल है। यह मानव प्रजाति के सातत्य को बनाए रखने का प्रधान जीवशास्त्री माध्यम भी है। और मर्दाना शहादत आदमी का और बलिदान भगवान सेंट जॉर्ज के अनुसार पैदा होना लिंग आदमी और औरत होगा। लिंग पुरुष और महिला और एक अवधारणा सार्वभौमिक दिव्य शाश्वत रसायन शास्त्र गूढ़ धनुर्विद्या धनुर्विद्या आदिम अमर पीढ़ियों से अनंत और विवाह से परे के लिए उत्पन्न किया जा सकता है जीवन का चक्र। विवाहांचे प्रकार अनुरूप विवाह अनुलोम विवाह : तथाकथित उच्च वर्ण का पुरुष और तथाकथित निम्न वर्ण की स्त्री का विवाह आंतरजातीय विवाह आंतरधर्मीय विवाह आर्ष विवाह आसुर विवाह एकपत्नीत्व) Monogamy कुंडली मिलाकर विवाह कोर्ट मॅरेज (सिव्हिल मॅरेज) (रजिस्टर्ड लग्न) गर्भावस्था में लग्न गांधर्व विवाह जरठ-कुमारी विवाह जरठ विवाह दैव विवाह (देव से लग्न) निकाह पाट पारंपरिक पद्धती का लग्न इसीको पुरानी पद्धती का लग्न कहते हैं। पालने में लग्न पिशाच्च विवाह पुनर्विवाह प्रतिलोम विवाह : तथाकथित निम्नजातीय वर्ण का पुरुष और तथाकथि उच्च वर्ण की स्त्री का विवाह. प्रजापत्य विवाह प्रेमविवाह बहुपत्नीत्व (Polygamy) बालविवाह ब्राह्म विवाह मांगलिक विवाह म्होतूर राक्षस विवाह विजोड विवाह विधवा विवाह वैदिक लग्न वैधानिक विवाह (कायदे अनुसार लग्न) सगोत्र सजातीय विवाह
विवाह और विवाह के शास्त्रीय उदाहरण
1. ब्रह्म विवाह ब्रह्म को जानने वाले व्यक्ति द्वारा ब्रह्म को प्राप्त व्यक्ति वर लिए ब्रह्म वादी हर तत्व में ब्रह्म ईश्वर देखता है । उसे अपनी कन्या लिए या उस कन्या द्वारा वर चुनने में दिक्कत होती है इसलिए इसमें वर योग्यता लिए स्वयमवकर में एक शर्त रख दी जाती है जो उसे पूर्ण करेगा वो विवाह करेगा । जैसे राजा जनक द्वारा सीता लिए योग्य वर हेतु विश्व समक्ष शिव धनुष पर प्रत्ययनजा चढाने की शर्त जो पूर्ण करे वो इसीका है वही इस लिए ईश्वर ब्रह्म है । अन्य उदाहरण द्रोपदी और अर्जुन का विवाह जिसमे मछली की आंख को तीर मार कर विवाह । 2. दैव विवाह इसमे कन्या ही अपने योग्य वर को पसंद करती है संसार मे जो भी विवाह करना चाहे वो सामने आए यदि कन्या उसे अपने योग्य पाती है तो उसे वर माला गले मे डाल कर जगत से चुन लेती है । उदाहरण : विश्व मोहिनी और नारायण का विवाह, लक्मी और विष्णु का विवाह , शिव सती का विवाह फिर शिव पार्वती का विवाह । सावित्री का जंगल मे सत्यवान को चुन लेना फिर सावित्री और सत्यवान का विवाह ।
3. आर्श विवाह कन्या-पक्ष वालों को कन्या का मूल्य दे कर (सामान्यतः गौदान करके दोनों के स्वेच्छा और बिना अन्य दबाव के) कन्या से विवाह कर लेना 'अर्श विवाह' कहलाता है। किसी सेवा कार्य या धार्मिक रूप से भले के मूल्य के रूप अपनी कन्या को दान में दे देना या कन्या और वर का आपसी सहमति से विवाह 'दैव विवाह' कहलाता है। किसी पर कृपा कर उनसे विवाह जैसे : श्री कृष्ण ने 16000 कन्या व स्त्रियों से विवाह किया जो नरकासुर की कैद में नरक तुल्य जीवन जी रही थी । श्री कृष्ण द्वारा एक किन्नर अर्यमा से विवाह, तिरुपति बालाजी और पद्मनी का विवाह जिसमे पद्मनी से विवाह करने बालाजी अपनी गायो और कुबेर से धन उद्धार लेकर पद्मनी के पिता को देते है ।
4. प्रजापत्य विवाह कन्या की सहमति के बिना उसका विवाह अभिजात्य वर्ग के वर से कर देना 'प्रजापत्य विवाह' कहलाता है। इसमे प्रजाति राजा या उस कन्या का पिता अपनी मर्जी के वर लेकर चुन कर कन्या का विवाह कर देता है । जैसे : कृष्ण और जामवंती का विवाह , कृष्ण और सत्यभामा का विवाह पोखरण के राजा बाबा रामदेव और मित्तल दे का विवाह 5. गंधर्व विवाह परिवार वालों की सहमति के बिना वर और कन्या का बिना किसी रीति-रिवाज या आडम्बर के आपस में विवाह कर लेना 'गंधर्व विवाह' कहलाता है। उदाहरण : कृष्ण और रुक्मणी जी का विवाह । भीम और हिडिम्बा का विवाह , सुभद्रा और अर्जुन का विवाह, राजा शांतनु का गंगा से विवाह, राजाभारत के पिता राजा दुष्यन्त और शकुंतला का विवाह।
6. असुर विवाह कन्या को खरीद कर (आर्थिक रूप से कमजोर को दबा कर) विवाह कर लेना 'असुर विवाह' कहलाता है। जानवरो को धन आदि से जैसे खरीद कर उसका स्वामी बना जाता है जैसे:रावण का मन्दोदरी से विवाह, राजा शांतनु का सत्यवती से विवाह ।
7. राक्षस विवाह कन्या की सहमति के बिना उसका अपहरण करके जबरदस्ती विवाह कर लेना 'राक्षस विवाह' कहलाता है। या उसके पिता को डरा , धमका , दबा बल परयोग कर बलात्कार आदि कारण विवाह ।