व) सामाजिक गतिशीलता से आप क्या समझते हैं ?
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➢ सामाजिक गतिशीलता:-
➝सामाजिक गतिशीलता का अर्थ है कि व्यक्तियों का किसी एक सामाजिक स्थिति से दूसरी सामाजिक स्थिति में संचलन। सामाजिक स्थितियों में परिवर्तन का अभिप्राय प्रायः जीवनयापन और जीवन-शैली में होने वाले महत्वपूर्ण बदलावों से है। सामाजिक गतिशीलता की संकल्पना की आदर्श परिभाषा पिटरीम ए. सोरोकिन द्वारा दी गई है। सोरोकिन के अनुसार सामाजिक स्थितियों में परिवर्तन एक व्यक्ति, सामाजिक उद्देश्य या सामाजिक मूल्यों में होने वाले परिवर्तनों द्वारा समझा जा सकता है। कहने का अभिप्राय यह है कि कोई भी वस्तु जिसे मनुष्य ने बनाया या परिवर्तित किया है, सामाजिक गतिशीलता का अनुभव कराती है।
➢ सामाजिक गतिशीलता के प्रकार:-
•समस्तर गतिशीलता:-
➝सम-स्तरीय सामाजिक गतिशीलता का अर्थ है किन्हीं व्यक्तियों या समूहों द्वारा किसी समाज में एक स्थिति से ऐसी दूसरी स्थिति में जाना जो स्तर में उच्च या निम्न न हो। सोरोकिन के अनुसार, सम-स्तर सामाजिक गतिशीलता का अर्थ है किसी एक सामाजिक समूह से किसी व्यक्ति या समूह का समान स्तर वाले किसी अन्य समूह में जाना।
•ऊर्ध्व गतिशीलता:-
➝समाजशास्त्र के साहित्य में ऊर्ध्व गतिशीलता पर अत्यधिक ध्यान दिया गया है। यह साधारणतः किसी व्यक्ति या समूह के स्तर में ऊपर या नीचे की तरफ होने वाले परिवर्तन पर है। ऊर्ध्व गतिशील के अनेक उदाहरण हैं। उन्नति या अवनति, आमदनी में परिवर्तन, किसी ऊँची या नीची हासयत वाले व्यक्ति से शादी तथा किसी अच्छे या बुरे पड़ोस में गमन आदि सभी ऊर्ध्व गतिशीलता के उदाहरण हैं।
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