विस्तार में मतलब लिखिए।
सच्चा सुख त्याग में ही है।
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Answer:
सच्चा सुख व शांति त्याग है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि त्याग से तत्काल शांति की प्राप्ति होती है। मनुष्य अपने जीवन में सारा श्रम भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति में ही लगा देता है। ... उस मार्ग में व्यक्तिगत व शारीरिक सुखों का त्याग करना होता है जो मानव जीवन को संकीर्णता की ओर ले जाने वाली होती है।
Explanation:
त्याग की भावना अत्यंत कठिन है। त्याग करने वाले पुरुषों ने ही संसार को प्रकाशमान किया। सच्चा सुख व शांति त्याग है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि त्याग से तत्काल शांति की प्राप्ति होती है। मनुष्य अपने जीवन में सारा श्रम भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति में ही लगा देता है। वह अपने सीमित जीवन में सब कुछ पा लेना चाहता है। वह जितना भौतिक प्राप्ति करना चाहता है, उसकी संसारिक तृष्णा उतनी ही बढ़ती जाती है। उसकी बैचेनी को बढ़ाती रहती है। मनुष्य जीवन की कुछ मूलभूत आवश्कताएं होती है। उनकी पूति तो आवश्यक है।