Hindi, asked by arun121349, 8 months ago

विस्तार से उत्तर लिखिए-
क. दो हज़ार साल पहले यूनानी निरीक्षकों की ब्रह्मांड के विषय में क्या धारणा थी?
ख. ध्रुव तारे की अटलता के पीछे कौन-सी लोककथा है?
ग. आर्यभट्ट ने तारों से संबंधित किस धारणा का खंडन किया और क्यों?
घ. फलित ज्योतिष किसे कहते हैं? किस धारणा ने इसे प्रोत्साहित किया?
ङ. ग्रहों और तारों में अंतर स्पष्ट कीजिए।
Give answer me fast, of all the question correct. Then i follow you​

Answers

Answered by akashkumar02042001
5

Answer:

यह सवाल आज भी उतना ही ताजा है जितना की प्राचीन काल में हुआ करता था। ईश्वर के होने या नहीं होने की बहस भी प्राचीन काल से चली आ रही है। अनिश्वरवादी मानते आए हैं कि यह ब्रह्मांड स्वत:स्फूर्त है, लेकिन ईश्‍वरवादी तो इसे ईश्वर की रचना मानते हैं। अधिकतर लोग धर्मग्रंथों में जो लिखा है उसे बगैर विचारे पत्थर की लकीर की तरह मानते हैं और कट्टरता की हद तक मानते हैं।

वेद, पुराण, ज़न्द अवेस्ता, तनख (ओल्ड टेस्टामेंट), बाइबल, कुरान और गुरुग्रंथ आदि सभी धर्मग्रंथ ब्रह्मांड को ईश्वरकृत मानते हैं। लेकिन दर्शन और विज्ञान अभी भी इसके बारे में बहस और शोध करते रहते हैं। पहले कि अपेक्षा विज्ञान ने ब्रह्मांड के बहुत सारे रहस्यों से पर्दा उठा दिया है...देखना है कि आगे क्या होता है?

Answered by binodk150
4

Answer:

ARE YOU IN CLASS 7TH BECAUSE THIS QUESTION IS OF 7TH CLASS HINDI BOOK CHAPTER 3 (TARO KI DUNIYA MAI)

Explanation:

IF YOU ARE OF SEVENTH CLASS THEN PLEAS FOLLOW ME AND SEND ME YOUR FULL SCHOOL NAME BECAUSE I ALSO READ IN CLASS 7TH. ☺

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