विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि महात्मा गाँधी राजद्रोही मिडिल टेम्पल वकील से ज्यादा कुछ नहीं है और अधनंगे फकीर का दिखावा कर रहे हैं ।
चर्चिल ने यह वक्तव्य क्यों दिया और इससे महात्मा गाँधी की पोशाक की प्रतीकात्मक शक्ति के बारे में क्या पता चलता है ?
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महात्मा गांधी की छवि एक महात्मा के रूप में उभर रही थी । वह भारतीयों में अधिक से अधिक लोकप्रिय होते जा रहे थे । फल स्वरुप राष्ट्रीय आंदोलन दिन प्रतिदिन अधिक तेज़ी से बढ़ रहा था। विंस्टन चर्चिल यह बात सहन नहीं कर पा रहे थे इसलिए उन्होंने उक्त टिप्पणी की।
महात्मा गांधी की पोशाक पवित्रता, सादगी तथा निर्धनता की प्रतीक थी। अधिकांश भारतीय जनता के भी यही लक्षण थे। ऐसा लगता था जैसे महात्मा गांधी के रूप में पूरा राष्ट्र ब्रिटिश साम्राज्यवाद को चुनौती दे रहा हो।
आशा है कि यह उत्तर में मदद करेगा।।।
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