Hindi, asked by AnikaGoyal336, 5 months ago

वास्तव में सिंधु और ब्रह्मपुत्र स्वयं कुछ नहीं है। दयालु हिमालय के पिघले हुए दिल की एक-एक
न जाने कब से इकट्ठा हो-होकर इन दो महानदों के रूप में समुद्र की ओर प्रवाहित होती रही है। कितना सौभाग्यशाली
है वह समुद्र जिसे पर्वतराज हिमालय की इन दो बेटियों का हाथ पकड़ने का श्रेय मिला।
(पृष्ठ 3
प्रश्न-
(क) इस गांश में किन दो प्रमुख नदियों का उल्लेख है? इतिहास में इन नदियों को कहीं-कहीं कौन-सा
रूप दिया है।
(ख) सिंधु और ब्रह्मपुत्र के उद्गम के बारे में लेखक का क्या मत है?
(ग) समद को सौभाग्यशाली क्यों कहा गया है?​

Answers

Answered by khobhk8
1

Answer:

your question is too big

So sorry !!

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