वास्तव मे यह हृदय वही है जो कोमल भावो और स्वदेश प्रेम से औत प्रोत हो। प्रत्येक देशवासी को
अपने वतन से प्रेम होता है चाहे उसका देश सूखा गर्म या दलदलों से भरा हो। देशप्रेम के लिय किसी आकर्षण की
आवश्यकता नहीं होती बल्कि वह तो अपनी भ्मि के प्रति मनुष्य मात्र की
स्वाभाविक ममता है मानव ही नही
पशु पक्षियो तक को अपना देश प्यारा है। संध्या समय पक्षी अपने नीड़ की और उड़े जाते है देश प्रेम का अंकुर
सभी मे विघमान है। कुछ लोग समझते है की मातृभूमि के नारे लगाने से ही देश प्रेम व्यक्त होता है । दिनभर वे
त्याग बलिदान की कथा सुनाते नहीं थकते, लेकिन परीक्षा की घड़ी आने पर भाग खड़े होते है एसे लोग स्वार्थ त्य
कर जान जोखिम में डालकर देश की सेवा क्या करेंगे? आज एसे लोगो की आवश्यकता नहीं है।
2. सच्चा हृदय किसे कहा गया है?
1. उपयुक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
3.
पशु
पक्षि अपने देश से अपना लगाव किस तरह प्रकट करते है?
4.देश को किस प्रकार की लोगो की आवश्यकता नहीं होती है ओर क्यो?
5. देश प्रेम क्या है? कोई व्यक्ति इसे कैसे अभिव्यक्त करता है?
.20 निम्नलिखित अपठित काव्यांश को पढ़कर प्रश्नो के उत्तर लिखिए-
धिन-धिन-धा धमक -धमक, मेघ बजे , दामिनी यह गई दमक, मेघ बजे
दादुर का का कंठ
खुला
,मेघ बजे धरती का हदय धौला मेघ बजे,
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- देश को किस प्रकार की लोगो की आवश्यकता नहीं होती है ओर क्यो?
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