विशेष लेखन में बीट तचा डेस्क
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विशेष लेखन के तहत रिपोर्टिंग के अलावा उस विषय या क्षेत्र विशेष पर फ़ीचर, टिप्पणी, साक्षात्कार, लेख, समीक्षा और स्तंभ लेखन भी आता है। इस तरह का विशेष लेखन समाचारपत्र या पत्रिका में काम करने वाले पत्रकार से लेकर फ्रीलांस पत्रकार या लेखक तक सभी कर सकते हैं।
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विशेष लेखन का अर्थ है-किसी खास विषय पर सामान्य लेखन से हटकर किया गया लेखन। अधिकांश समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं के अलावा टी०वी० और रेडियो चैनलों में विशेष लेखन के लिए अलग डेस्क होता है और उस विशेष डेस्क पर काम करने वाले पत्रकारों का समूह भी अलग होता है। जैसे समाचार-पत्रों और अन्य माध्यमों में बिजनेस यानी कारोबार और व्यापार का अलग डेस्क होता है, इसी तरह खेल की खबरों और फ़ीचर के लिए खेल डेस्क अलग होता है। इन डेस्कों पर काम करने वाले उपसंपादकों और संवाददाताओं से अपेक्षा की जाती है कि संबंधित विषय या क्षेत्र में उनकी विशेषज्ञता होगी।