विशेषज्ञ ने भ्रष्टाचार मिटाने का क्या उपाय बताया
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Explanation:नीति आयोग अब भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता जैसी भावनाओं को लोगों के मन से निकालने के लिए ‘मंत्रोच्चारण’ का सहारा लेगा। इसके लिए वह बाकायदा एक ‘मंत्र’ तैयार करने में लगा है। इसकी अवधि 30 सेकंड के करीब होगी। हालांकि इसे पढ़ने की पूरी प्रक्रिया 3 से 5 मिनट तक हो सकती है। हालांकि इस पर अभी फैसला होना बाकी है। यह प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाना है। नीति आयोग की 21 जून को विश्व योग दिवस पर इस मंत्र को लांच करने की योजना है।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि-2022’ के छह लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नीति आयोग ने अजब उपाय निकाला है। इसके तहत उसे देश में वैमनस्य फैला रही बुराइयों के खात्मे पर काम करना है। नीति आयोग का मानना है कि 2022 तक यह लक्ष्य हासिल करना बेहद मुश्किल है। मगर इस पर नीति बनाकर काम शुरू किया जा सकता है। इसलिए नीति आयोग की अब आध्यात्म के रास्ते इन लक्ष्यों को हासिल करने की मंशा है। हालांकि इसके अलावा कई और योजनाओं पर भी काम चल रहा है। मंत्रोच्चारण का तरीका देशव्यापी स्तर पर लागू कराया जाएगा। मंत्र के उच्चारण के साथ सांप्रदायिकता, भ्रष्टाचार और जातिवाद जैसी बुराईयों को जड़ से खत्म करने का प्रण भी लिया जाएगा।
नीति आयोग के अधिकारियों ने हालांकि इस बारे में और ज्यादा जानकारियां नहीं दी। मगर माना जा रहा है कि इसे लेकर एक ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। बस पीएम की मंजूरी का इंतजार है।
मंत्र की अवधि करीब 30 सेकंड की होगी
पीएम मोदी से मंजूरी मिलना अभी बाकी
गांधी जी के ‘रघुपति राघव राजा राम’ से मिला आइडिया
नीति आयोग के अधिकारियों ने बताया कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हम कोई भी नीति बना लें, लेकिन दिमाग से जातिवाद-भ्रष्टाचार निकालना बेहद कठिन है। इसलिए हमने महात्मा गांधी का अनुसरण किया। उन्होंने ‘रघुपति राघव राजा राम’ गीत के सहारे हिन्दु-मुस्लिम एकता को मजबूत किया और आजादी की लड़ाई लड़ी। इसी को नजीर बनाकर देशव्यापी स्तर पर मंत्र के फॉर्मूले का प्रयोग किया जा सकता है। लोगों को मंत्र के सहारे बताया जाएगा कि सभी बराबर हैं।
1. गरीबी से मुक्ति
2. स्वच्छ भारत
3. आतंकवाद मुक्त भारत
4. साम्प्रदायिकता मुक्त भारत
5. जातिवाद मुक्त भारत
6. भ्रष्टाचार मुक्त भारत
वर्ष 2022 तक पाने हैं 6 लक्ष्य
हैदराबाद में बनी रूपरेखा
मंत्र पर काम करने के पीछे नीति आयोग तर्क है कि पहले लोगों के मन को समझाना जरूरी है। नीति आयोग के सूत्रों के मुताबिक हैदराबाद में आंत्रप्रेन्योर के एक कार्यक्रम में इसकी रूपरेखा बनी थी। यह मंत्र कौन सा होगा और इसे किस तरह से लागू किया जाएगा। इस पर अभी नीति आयोग के अधिकारियों के बीच आम राय बनना बाकी है। नीति आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मंत्र के माध्यम से इस बात का बार-बार स्मरण किया जाएगा कि कैसे भ्रष्टाचार, जातिवाद, साम्प्रदायिकतावाद खत्म हो।