विशेषण के तीनों अवस्थाओं के नाम लिखकर उनके एक एक उदाहरण लिखिए
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तुलनाबोधक विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं :
- मूलावस्था
- उत्तरावस्था
- उत्तमावस्था
1. मूलावस्था :
जब किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु विशेषता जैसे गुण, दोष शर्म स्वभाव बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है, तब उसे मूलावस्था कहते हैं।
यहाँ किन्हीं दो वस्तु या व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जाती है। जैसे: अच्छा, बुरा, वीर, बहादुर, निडर, डरपोक आदि।
उदाहरण:
- मैं बड़ा होकर वीर सिपाही बनना चाहता हूँ।
- ज़िन्दगी में एक शेर की भांति निडर होना चाहिए।
2. उत्तरावस्था
जब किन्हीं वस्तुओं या व्यक्तियों की आपस में गुण, दोष आदि पर आधारित तुलना की जाती है एवं उनमे से एक को श्रेष्ठ माना जाता है, तब यह उत्तरावस्था कहलाती है। जैसे: ज्यादा सुन्दर, अधिक बुद्धिमान, ज्यादा तेज़ आदि।
उदाहरण:
- मैं तुमसे ज्यादा दयालु हूँ।
- रीना मीना से अधिक बुद्धिमान है।
3. उत्तमावस्था
जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है। जैसे: विशालतम, सबसे सुन्दर आदि।
उदाहरण:
- सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।
- इन सब में से तुम सबसे सुन्दर हो।
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