विशेषण और उसके भेद उदहारण के साथ
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विशेषण वे शब्द होते हैं जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। ये शब्द वाक्य में संज्ञा के साथ लगकर संज्ञा की विशेषता बताते हैं।
विशेषण विकारी शब्द होते हैं एवं इन्हें सार्थक शब्दों के आठ भेड़ों में से एक माना जाता है।
बड़ा, काला, लम्बा, दयालु, भारी, सुंदर, कायर, टेढ़ा–मेढ़ा, एक, दो, वीर पुरुष, गोरा, अच्छा, बुरा, मीठा, खट्टा आदि विशेषण शब्दों के कुछ उदाहरण हैं।
विशेषण के उदाहरण
राधा बहुत सुन्दर लड़की है।
जैसा कि आप ऊपर उदाहरण में देख सकते हैं राधा एक लड़की का नाम है। राधा नाम एक संज्ञा है। सुन्दर शब्द एक विशेषण है जो संज्ञा शब्द की विशेषता बता रहा है।
चूंकि सुन्दर शब्द संज्ञा की विशेषता बता रहा है इसलिए यह शब्द विशेषण कहलायेगा। जिस शब्द की विशेषण विशेषता बताता है उस शब्द को विशेष्य कहा जाता है।
रमेश बहुत निडर सिपाही है।
ऊपर दिए गए उदाहरण से हमें पता चलता है कि रमेश एक सिपाही है एवं वह निडर भी है। अगर इस वाक्य में निडर नहीं होता तो हमें बस यह पता चलता कि रमेश एक सिपाही है लेकिन कैसा सिपाही है ये हमें नहीं पता चलता।
अभी निडर शब्द का वाक्य में प्रयोग हुआ है तो हमें पता चल गया है कि रमेश सिपाही होने के साथ-साथ निडर भी है। निडर शब्द रमेश की विशेषता बता रहा है। अतः निडर शब्द विशेषण कहलायेगा।
मोहन एक मेहनती विद्यार्थी है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि यहाँ मोहन कि मेहनती होने कि विशेषता बतायी जा रही है।
अगर हम इस वाक्य से मेहनती विशेषण हटा देते हैं तो हमें सिर्फ यह पता चलता है की मोहन एक विद्यार्थी है लेकिन कैसा विद्यार्थी है यह हमें पता नहीं चलता।
जब वाक्य में मेहनती विशेषण का प्रयोग किया गया तो हमें पता चल गया की मोहन विद्यार्थी होने के साथ साथ मेहनती भी है। मेहनती शब्द की विशेषता बता रहा है। अतः मेहनती शब्द विशेषण कहलायेगा।
विशेष्य : वाक्य में जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बतायी जाती है उन्हें विशेष्य कहते हैं।