(२)विशेषताओं के आधार पर पहचानिए:
भारत माता के रथ के दो पहिये - ...............
खूब लड़ने वाली मर्दानी - ...............
अपनी लगन का सच्चा - ...............
किसी को कुछ न गिनने वाले - ...............
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2nd Ka answer. लक्ष्मी बाई
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दूसरी इकाई के अंंतर्गत उमाकान्त मालवीय द्वारा रचित इस पद्य ६ का शीर्षक हैं "हम उस धरती की संंतति हैं ''| इस रचना को कव्वाली विधा मे रचा गया है | कव्वाली एक लोकप्रिय काव्य विधा है |
भारत माता के रथ के दो पहिये - .
उत्तर : कवि के मतानुसार भारत माता के रथ के दो पहिये हैं - लडके {पुरुष}, लडकियाँँ {स्त्रियाँँ}|
खूब लड़ने वाली मर्दानी -
उत्तर : कवि के अनुसार खूब लड़ने वाली अर्थात मर्दानी वीरांंगनाएँँ - रानी लक्ष्मीबाई,रानी दुर्गावती, रज़िया सुलताना इत्यादि हैं |
अपनी लगन का सच्चा -
उत्तर : अपनी लगन का सच्चा कवि ने प्रह्लाद को कहा है जो ईश्वर के प्रति अपनी लगन के कारण पिता के अत्याचार सहन करते रहा किन्तु् किंंचित् भी विचलित नही हुआ |
किसी को कुछ न गिनने वाले - ...............
उत्तर : अपने आगे किसी को कुछ न गिनने वाले तथा अत्यन्त वीर जयमल और पत्ता थे |
भारत माता के रथ के दो पहिये - .
उत्तर : कवि के मतानुसार भारत माता के रथ के दो पहिये हैं - लडके {पुरुष}, लडकियाँँ {स्त्रियाँँ}|
खूब लड़ने वाली मर्दानी -
उत्तर : कवि के अनुसार खूब लड़ने वाली अर्थात मर्दानी वीरांंगनाएँँ - रानी लक्ष्मीबाई,रानी दुर्गावती, रज़िया सुलताना इत्यादि हैं |
अपनी लगन का सच्चा -
उत्तर : अपनी लगन का सच्चा कवि ने प्रह्लाद को कहा है जो ईश्वर के प्रति अपनी लगन के कारण पिता के अत्याचार सहन करते रहा किन्तु् किंंचित् भी विचलित नही हुआ |
किसी को कुछ न गिनने वाले - ...............
उत्तर : अपने आगे किसी को कुछ न गिनने वाले तथा अत्यन्त वीर जयमल और पत्ता थे |
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