वंशीधर को किस में साक्षात भगवान के दर्शन हुए?
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वंशीधर को किस में साक्षात भगवान के दर्शन हुए?
गलता लोहा पाठ शेखर जोशी द्वारा लिखी गई है|
मोहन के पिता वंशीधर तिवारी गाँव के पुरोहित थे। वंशीधर को मोहन के भविष्य और पढ़ाई की चिन्ता लगी रहती थी| वंशीधर जब अपने बिरादरी के रमेश युवक साक्षात भगवान के दर्शन हुए क्योंकि रमेश मोहन बड़े शहर में पढ़ाई के लिए अपने साथ ले जाने की बात कही थी|
वंशीधर जब अपने बिरादरी के रमेश युवक से मिले जो लखनऊ से कुछ दिनों के लिए छुट्टियों गाँव में आया था| बातों-बातों में वंशीधर ने मोहन की पढ़ाई की चिन्ता प्रकट की| रमेश ने उन्हें मोहन को अपने साथ लखनऊ ले जाने की बात कही| बड़े शहर में मोहन अच्छी तरह पढ़-लिख सकेगा |वंशीधर को कैसे रमेश के रूप में साक्षात् भगवान मिल गए |
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