वंशीधर के वृद्ध पिता अलोपीदीन से लल्लो-चप्पो की बातें क्यों करने लगे। class 11 = chapter name= नमक का दरोगा
Answers
Answer:
उत्तर: वंशीधर के वृद्ध पिता पंडित अलोपीदीन से लल्लो-चप्पो अर्थात् चमचागिरी की बातें इसलिए करने लगे, क्योंकि वे जानते थे 'कि वे बहुत बड़े और प्रतिष्ठित व्यक्ति थे और अगर उन्होंने उनका अपमान किया तो उनका जीना मुश्किल हो जाएगा।
Answer:
पहचान आइडेन्टिफायर्स
सी.ए.एस संख्या [74-82-8]
SMILES
InChI
कैमस्पाइडर आई.डी 291
गुण
आण्विक सूत्र CH4
मोलर द्रव्यमान 16.0425 g/mol
दिखावट Colorless gas
घनत्व 0.717 kg/m3, gas
गलनांक
-182.5 °C, 91 K, -297 °F
क्वथनांक
-161.6 °C, 112 K, -259 °F
जल में घुलनशीलता 3.5 mg/100 mL (17 °C)
खतरा
Main hazards Highly flammable (F+)
NFPA 704
NFPA 704.svg410
R-फ्रेसेज़ साँचा:R12
S-फ्रेसेज़ (एस२), S9, S16, S33
स्फुरांक (फ्लैश पॉइन्ट) -188 °C
Related compounds
संबंधित एल्केन इथेन, प्रोपेन
संबंधित रसायन/मिश्रण मिथेनॉल, क्लोरोमीथेन, फॉर्मिक अम्ल, फॉर्मैल्डिहाइड, सिलेन
Except where noted otherwise, data are given for
materials in their standard state
(at 25 °C, 100 kPa)
Infobox references
मिथेन (Methane) एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो ईंधन के रूप में उपयोग की जाती है। यह प्राकृतिक गैस का मुख्य घटक है।
मिथेन गैस का रासायनिक सूत्र CH4 है। यह अल्केन श्रेणी का प्रथम सदस्य है और सबसे साधारण हाइड्रोकार्बन है।
जब यह सतह और वातावरण पहुंचता है, यह वायुमंडलीय मीथेन के रूप में जाना जाता है पृथ्वी के वायुमंडल में मीथेन का घनत्व 1750 के बाद से लगभग 150% की वृद्धि हुई है और यह एक ग्रीन हाउस गैस है। मीथेन गैस की खोज सबसे पहले नवंबर 1776 में इटली और स्विट्जरलैंड के वैज्ञानिक एलेसान्द्रो वोल्ता ने की थी। उन्होंने मैगिओर झील के दलदल में इस गैस की पहचान haffman ne kiya की थी ।मेथैन कोयला खानों में इकट्ठा हो जाती है जिससे विस्फोट एवं आग लगने की घटनाएँ हो सकती हैं ।
सोडियम एसोटेट को सोडियम हाइड्रॉकसाइड तथा कैल्सियम ऑक्साइड के साथ गर्म करके मेथैन गैस बनाई जाती है ।
भौतिक गुण (Physical Properties):
यह रंगहीन गैस है । यह जल में अविलेय है । यह वायु से हल्की होती है । यह ग्रीन हाउस प्रभाव पैदा करती है । संपीडित प्राकृतिक गैस (CNG) मुख्यत: मेथैन होती है ।
रासायनिक गुण (Chemical Properties):
(1) मेथैन, वायु में नीले लौ के साथ जलती है और कार्बन डाइऑक्साइड, जल और बड़ी मात्रा में ऊष्मा (55,000 किलो जूल प्रति किलोग्राम) उत्पत्र करती है ।
मेथैन के उपयोग (Uses of Methane):
1. मेथैन का उपयोग घरों एवं उद्योगों दोनों गैसीय ईंधन के रूप में किया जाता है क्योंकि यह जलने पर बडी मात्रा में ऊष्मा उत्पत्र करती है ।
2. आजकल इसका व्यापक रूप में उपयोग स्वचालित वाहनों विशेषकर बसों, कारों एवं आटो रिक्यइओं को चलाने के लिए किया जा रहा है ।
3. यह काजल (कज्जल कार्बन) बनाने के लिए उपयोग में आता है ।
4. मेथैन का उपयोग बहुत बड़ी संख्या में कार्बनिक यौगिकों के निर्माण में किया जाता है, जिनका उपयोग घरेलू एवं उद्योगों में किया जाता है