Social Sciences, asked by vinaydahisara, 6 months ago

विश्व बैंक ने विश्व के देशों को अमीर व गरीब में विभाजित करने के लिए कौन सी मद का उपयोग किया है ​

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Answered by roymishti54
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विश्व बैंक ( world bank )[मृत कड़ियाँ] विशिष्ट संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है। विश्व बैंक समूह पांच अन्तर राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदश्य देशों को वित्त और वित्तीय सलाह देता है। इसका मुख्यालय वॉशिंगटन, डी॰ सी॰ में है।[2] स्थापना 1944 में हुयी ।

विश्व बैंक

विश्व बैंक समूह से जुड़ी सामान्य जानकारी संपादित करें

अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) के दौरान हुई थी। ये दोनों संस्थाये ब्रेटन वुड्स की संस्था है !ब्रेटन वुड्स सम्मेलन को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन (United Nations Monetary and Financial Conference) के रूप में जाना जाता है। से 22 जुलाई, 1944 तक 44 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मलेन में शामिल हुए थे। इसका तात्कालिक उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध और विश्वव्यापी संकट से जूझ रहे देशों की मदद करना था।

अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक को ही विश्व बैंक कहा जाता है।

इसका मुख्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC (पूर्व में District of Colombia) में है।

विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक अहम संस्था है और यह कई संस्थाओं का समूह है। इसीलिये इसे विश्व बैंक समूह (World Bank Group) भी कहा जाता है।

वर्तमान में विश्व बैंक में 190 देश सदस्य हैं। नवीनतम सदस्य देश एंडोरा वना है। विश्व बैंक का सदस्य बनने के लिये किसी भी देश को पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम का सदस्य बनना ज़रूरी होता है।

दोनों में अंतर संपादित करें

विश्व बैंक नीति सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष केवल नीति सुधार कार्यक्रमों के लिये ही ऋण देता है। इन दोनों संस्थाओं में एक अंतर यह भी है कि विश्व बैंक केवल विकासशील देशों को ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के संसाधनों का इस्तेमाल निर्धन राष्ट्रों के साथ-साथ धनी देश भी कर सकते हैं।

इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है।

यह एक अग्रणी विकास संस्थान है, जो विकासशील देशों में गरीबी से लड़ने तथा सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये ऋण, गारंटी, जोखिम प्रबंधन उत्पादों और विश्लेषणात्मक तथा सलाहकार सेवाएँ देने का काम करता है।

इसके सदस्य देश संयुक्त रूप से इसकेलिये ज़िम्मेदार होते हैं कि कैसे इसका वित्तपोषण किया जाता है और इसका पैसा कैसे खर्च किया जाता है।

विश्व बैंक का प्रयास सतत गरीबी में कमी के उद्देश्य से सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों तक पहुँचने पर केंद्रित हैं।

विश्व बैंक समूह में शामिल संस्थान संपादित करें

विश्व बैंक समूह निम्नलिखित पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदस्य देशों को आर्थिक-वित्तीय सहायता और वित्तीय सलाह देता है:

1. पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD)

IBRD की स्थापना वर्ष 1944 में हुई थी और वर्तमान में इसके 189 सदस्य हैं। IBRD का उद्देश्य मध्यम विकास वाले देशों और ऋणग्रस्त गरीब देशों में ऋण, गारंटी और गैर-उधार सेवाओं के माध्यम से सतत् विकास को बढ़ावा देना है, जिसमें विश्लेषणात्मक और सलाहकार सेवाएँ शामिल हैं। IBRD उन सदस्य देशों के स्वामित्व में है जिनकी मतदान शक्ति देश की सापेक्ष आर्थिक शक्ति के आधार पर इसकी पूंजी सदस्यता से जुड़ी हुई है। IBRD दुनिया के वित्तीय बाज़ारों से अपना अधिकांश धन जुटाता है और वर्ष 1959 से इसने AAA रेटिंग बनाए रखी है। IBRD और IDA मिलकर विश्व बैंक का स्वरूप लेते हैं, जो विकासशील देशों की सरकारों को वित्तपोषण, नीति सलाह और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। यह विश्व बैंक के परिचालन खर्चों को वहन करता है तथा बेहद गरीब देशों के लिये IDA को धन प्रदान करता है।

2. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC)

वर्ष 1956 में स्थापित IFC 184 सदस्य देशों के स्वामित्व में है, जो सामूहिक रूप से नीतियों को निर्धारित करता है। यह 100 से अधिक विकासशील देशों में उभरते बाज़ारों में कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को रोज़गार सृजित करने, कर राजस्व जुटाने, कॉर्पोरेट प्रशासन और पर्यावरण प्रदर्शन में सुधार करने तथा उनके स्थानीय समुदायों में योगदान करने में सहायता देता है। यह विकासशील देशों में विशेष रूप से निजी क्षेत्र पर केंद्रित सबसे बड़ा वैश्विक विकास संस्थान है। IFC अंतर्राष्ट्रीय पूंजी बाज़ार में ऋण दायित्वों को पूरा करने के माध्यम से लगभग सभी ऋण गतिविधियों के लिये धन जुटाता है। वर्ष 1989 के बाद से IFC ने अपनी AAA रेटिंग बनाए रखी है। यह आमतौर पर 7 से 12 साल की परिपक्वता वाले व्यवसायों और निजी परियोजनाओं को ऋण देता है। इसके द्वारा किये जाने वाले निवेशों के लिये समान ब्याज दर की नीति नहीं है। IFC अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के जोखिम को कम करने के लिये अपने वैश्विक व्यापार वित्त कार्यक्रम के माध्यम से 80 से अधिक देशों में 200 से अधिक अनुमोदित बैंकों के व्यापार भुगतान दायित्वों की गारंटी देता है।

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