विश्व के मानचित्र में निम्नलिखित को प्रदर्शित कीजिए। (i) कर्क रेखा (ii) प्रधान मानक याम्योत्तर
(i) अन्नामलाई
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कर्क रेखा उत्तरी गोलार्ध में भूमध्य रेखा के समानान्तर 23°26′22″N 0°0′0″W / 23.43944°N -0.00000°E पर, ग्लोब पर पश्चिम से पूर्व की ओर खींची गई कल्पनिक रेखा हैं। यह रेखा पृथ्वी पर उन पांच प्रमुख अक्षांश रेखाओं में से एक हैं जो पृथ्वी के मानचित्र पर परिलक्षित होती हैं। कर्क रेखा पृथ्वी की उत्तरतम अक्षांश रेखा हैं, जिसपर सूर्य दोपहर के समय लम्बवत चमकता हैं। यह घटना जून क्रांति के समय होती है, जब उत्तरी गोलार्ध सूर्य के समकक्ष अत्यधिक झुक जाता है। इस रेखा की स्थिति स्थायी नहीं हैं वरन इसमें समय के अनुसार हेर-फेर होता रहता है। २१ जून को जब सूर्य इस रेखा के एकदम ऊपर होता है, उत्तरी गोलार्ध में वह दिन सबसे लंबा व रात सबसे छोटी होती है। यहां इस दिन सबसे अधिक गर्मी होती है (स्थानीय मौसम को छोड़कर), क्योंकि सूर्य की किरणें यहां एकदम लंबवत पड़ती हैं। कर्क रेखा के सिवाय उत्तरी गोलार्ध के अन्य उत्तरतर क्षेत्रों में भी किरणें अधिकतम लंबवत होती हैं।[1] इस समय कर्क रेखा पर स्थित क्षेत्रों में परछाईं एकदम नीचे छिप जाती है या कहें कि नहीं बनती है। इस कारण इन क्षेत्रों को अंग्रेज़ी में नो शैडो ज़ोन कहा गया है।[2]
पृथ्वी पर 0° देशान्तर पर खींची गई मध्याह्न रेखा प्रधान मध्याह्न रेखा, प्रधान याम्योत्तर, या ग्रीनविच रेखा कहलाती है। दुनिया का मानक समय इसी रेखा से निर्धारित किया जाता हैं (कोरडिनेटिड युनिवर्सल टाइम -UTC)। लन्दन के एक शहर ग्रीनविच इसी रेखा पर स्थित हैं इसलिय इसे ग्रीनविच रेखा भी कहते है।