वैश्विक महामारी कोरोना का जीवन शैली पर प्रभाव इसका आंसर चाहिए
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││ वैश्विक कोरोना महामारी का जीवन शैली पर प्रभाव ││
वैश्विक कोरोना महामारी का जीवन शैली पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में सभी देशों को लॉकडाउन लगाना पड़ा है। इस कारण बहुत से लोगों के काम धंधे, व्यापार, नौकरी प्रभावित हुये। इस वजह से लोगों की आर्थिक स्थिति पर फर्क पड़ा है, और इसका प्रभाव उनकी जीवन शैली पर पड़ना स्वाभाविक था। अब लोग अपना खर्चा कम करने लगे हैं और केवल जरूरी चीजों पर ही खर्चा कर रहे हैं।
कोरोना महामारी ने लोगों की जीवन शैली को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। अब लोग अपने घर से बाहर निकलते समय पूरी तरह से तैयारी से निकलते हैं, जैसे कि मास्क पहनना, सैनिटाइजर साथ में रखना, दस्ताने आदि पहनना, अपने शरीर को अच्छी तरह कवर करके रखना आदि उपाय करके निकलते हैं। घर में घुसते समय भी सबसे पहले हाथ धोने के लिए बाथरूम में जाते हैं। पहले लोग घर में आते और सीधे अपने सोफे, कुर्सी पर पसर जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं करते बल्कि बाथरूम का रुख करते हैं ताकि अच्छे से स्वयं को साफ कर सकें।
अब लोग एक दूसरे से मिलते समय हाथ मिलाना, गले मिलना जैसे तरीकों से बचना चाह रहे हैं और दूर ही दूर से बात करते हैं। जहाँ तक संभव हो तो लोग भौतिक रूप से मुलाकात करने से बचना चाहते हैं, यदि फोन या ऑनलाइन संपर्क आदि से काम बन जाए तो लोग उस को प्राथमिकता देते हैं।
कोरोना महामारी के कारण जहाँ लोगों के सामाजिक संपर्क कम हुये वहीं पारिवारिक संबंध बढ़े हैं, क्योंकि इस महामारी के कारण लोगों को ज्यादातर अपने घरो में ही रहना पड़ रहा है, इससे लोग परिवार के अन्य सदस्यों को पहले से अधिक जानने और समझने लगे हैं।
इस महामारी के कुछ सकारात्मक परिणाम भी आए हैं, जैसे की प्रकृति की हालत में सुधार हुआ है और प्रदूषण के स्तर में कमी आई है। लॉकडाउन उनके कारण महीनों तक उद्योग और अन्य गतिविधियां ठप पड़ी रही, जिसकी वजह से प्रदूषण उत्सर्जन कम हुआ। इससे यह बात स्पष्ट हो गई कि मनुष्य कुछ अधिक प्रयास नहीं करें केवल अपनी गतिविधियों पर अंकुश लगाए तो भी प्रकृति स्वयं को संभाल लेगी।
कोरोना महामारी के कारण लोगों के मन में अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता पैदा हुई है और वह अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत हो गए हैं। लोग अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर अधिक ध्यान देने लगे हैं तथा गलत खानपान से भी बचना चाह रहे हैं। लोग प्राकृतिक और शाकाहारी खान-पान पर अधिक ध्यान देने लगे हैं, इस वजह से स्पष्ट होता है लोगों की खानपान शैली में भी बदलाव आया है।
काम के नजरिए से देखें तो लोग वर्क-फ्रॉम-होम संस्कृति को विकसित करने में लगे हैं और जहाँ पर ऐसी सुविधा मिली है, लोग उसको प्राथमिकता दे रहे हैं। इन सब कारणों से बहुत से लाभ हो रहे हैं। जहाँ पर कंपनियों को भी फायदा हो रहा है और लोगों को भी आने जाने की सुविधाओं से बचना पड़ा है। जिससे यातायात के साधनों पर बोझ कम पड़ रहा है और प्रदूषण का स्तर भी कम हो रहा है। इस तरह कोरोनावायरस ने लोगों की जीवनशैली को काफी हद तक प्रभावित किया है।
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