Hindi, asked by sadansharmaipca, 5 months ago

वैश्विक महामारी के दौरान हमें कई मुसीबतों का सामना कर रहे हैं लेकिन बहुत सी नई बातें जीवन का हिस्सा हो रहा है इस पर अपने विचार ही से 25 से 30 लाइन​

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Answered by deshna027
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Explanation:

वायरस के ख़िलाफ़ जंग में सबसे आगे खड़े स्वास्थ्य कर्मियों के लिए तालियां और थालियां बजाईं. जिसके बाद देश के एक डॉक्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये खुला ख़त लिखा.

हेलो मिस्टर प्रधानमंत्री,

राष्ट्रीय राजधानी में केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक अस्पताल के पीडीऐट्रिक आईसीयू में काम करने वाला डॉक्टर होने के नाते, मैं आपका ध्यान ज़मीनी हालात की ओर दिलाना चाहता हूं. एन95 तो भूल जाइए, हमारे पास सामान्य मास्क तक पर्याप्त मात्रा में नहीं हैं. हमें अपने गाउन 2-3 दिन तक दोबारा इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं, जो बिना गाउन के काम करने के ही बराबर है. सभी पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट की सप्लाई बहुत कम है. अगर देश की राजधानी के बीचों-बीच स्थित एक अस्पताल की हालत ये है तो हम देश के दूसरे हिस्सों के लिए क्या ही उम्मीद ही जा सकती है.

बात ये है कि अगर आप इस महामारी से निपटने में हेल्थ सिस्टम की मदद करना चाहते हैं तो 'बाल्कनी में खड़े होकर ताली बजाने' की जगह आपको उन्हें उपकरण देने चाहिए. मुझे 99% भरोसा है कि ये खुला ख़त आपतक नहीं पहुंचेगा, लेकिन फिर भी इस उम्मीद में ये ख़त लिख रहा हूं कि दूसरे डॉक्टर और आम नागरिक खड़े होकर ताली बजाने की जगह एक प्रभावी समाधान के लिए एकजुट होंगे. अगर आप स्वास्थ्य कर्मियों को वो चीज़ें नहीं दे सकते, जो उन्हें अपनी और देश की सुरक्षा के लिए चाहिए तो तालियां बजाकर उनका मज़ाक ना उड़ाएं.

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प्रधानमंत्री को ये खुला ख़त दिल्ली के लेडी हार्डिंग अस्पताल में काम करने वाले एक डॉक्टर देबाब्राता मोहापात्रा ने अपने फेसबुक के ज़रिए लिखा है.

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