वैश्विक महामारी करना के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए अपने मित्र को पत्र लिखिए
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layout bana kr matter mei yeh sabh likh de
Explanation:इन दो महीनों में भारत के130 करोड़ नागरिकों ने कोरोना वैश्विक महामारी का डटकर मुकाबला किया है, आवश्यक सावधानियां बरती हैं।
लेकिन,बीते कुछ दिनों से ऐसा भी लग रहा है जैसे हम संकट से बचे हुए हैं,सब कुछ ठीक है।
वैश्विक महामारी कोरोना से निश्चिंत हो जाने की ये सोच सही नहीं है।
इसलिए,प्रत्येक भारतवासी का सजग रहना,सतर्क रहना बहुत आवश्यक है।
साथियों,आपसे मैंने जब भी,जो भी मांगा है,मुझे कभी देशवासियों ने निराश नहीं किया है।ये आपके आशीर्वाद की ताकत है कि हमारे प्रयास सफल होते हैं।आज,मैं आप सभी देशवासियों से, आपसे,कुछ मांगने आया हूं।मुझे आपके आने वाले कुछ सप्ताह चाहिए,आपका आने वाला कुछ समय चाहिए।
साथियों,अभी तक विज्ञान,कोरोना महामारी से बचने के लिए,कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है।ऐसी स्थिति में चिंता बढ़नी बहुत स्वाभाविक है।
दुनिया के जिन देशों में कोरोना वायरस का प्रभाव ज्यादा देखा जा रहा है,वहां अध्ययन में एक और बात सामने आई है।
इन देशों में शुरुआती कुछ दिनों के बाद अचानक बीमारी का जैसे विस्फोट हुआ है।इन देशों में कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है।भारत सरकार इस स्थिति पर, कोरोना के फैलाव के इस ट्रैक रिकॉर्ड पर पूरी तरह नजर रखे हुए है।
हालांकि कुछ देश ऐसे हैं जिन्होंने तेजी से फैसले लेकर,अपने यहां के लोगों को ज्यादा से ज्यादा Isolate करके स्थिति को सँभाला है।भारत जैसे130 करोड़ की आबादी वाले देश के सामने, विकास के लिए प्रयत्नशील देश के सामने,कोरोना का ये बढ़ता संकट सामान्य बात नहीं है।
आज जबबड़े-बड़े और विकसित देशों में हम कोरोना महामारी का व्यापक प्रभाव देख रहे हैं,
तो भारत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा,ये मानना गलत है।
इसलिए, इस वैश्विक महामारी का मुकाबला करने के लिए दो प्रमुख बातों की आवश्यकता है।
पहला- संकल्पऔरदूसरा- संयम।
आज 130 करोड़ देशवासियों को अपना संकल्प और दृढ़ करना होगा कि हम इस वैश्विक महामारी को रोकने के लिए एक नागरिक के नाते,अपने कर्तव्य का पालन करेंगे,केंद्र सरकार,राज्य सरकारों के दिशा निर्देशों का पालन करेंगे।
ऐसा करके आप अपने साथ और अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे।इसलिए मेरा सभी देशवासियों से ये आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह तक, जब बहुत जरूरी हो तभी अपने घर से बाहर निकलें।
जितना संभव हो सके,आप अपना काम,चाहे बिजनेस से जुड़ा हो,ऑफिस से जुड़ा हो,अपने घर से ही करें।
मेरा एक और आग्रह है कि हमारे परिवार में जो भी सीनियर सिटिजन्स हों,65 वर्ष की आयु के ऊपर के व्यक्ति हों,वो आने वाले कुछ सप्ताह तक घर से बाहर न निकलें।
आज की पीढ़ी इससे बहुत परिचित नहीं होगी,लेकिन पुराने समय में जब युद्ध की स्थिति होती थी,
तो गाँव गाँव मेंBlackOutकिया जाता था। घरों के शीशों पर कागज़ लगाया जाता था, लाईटबंद कर दी जाती थी, लोग चौकी बनाकर पहरा देते थे |
ये कभी-कभी काफी लंबे समय तक चलता था। युद्ध ना भी हो तो भी बहुत सी जागरूक नगरपालिकाएं BlackOutकी ड्रिल भी कराती थी।
साथियों,मैं आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं।ये है जनता-कर्फ्यू।
जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए,जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू।
इस रविवार,यानि22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को,जनता-कर्फ्यू का पालन करना है।
इस दौरान हम न घरों से बाहर निकलेंगे, न सड़क पर जाएंगे, न मोहल्ले में कहीं जाएंगे।
सिर्फ आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही 22 मार्च को अपने घरों से बाहर निकलेंगे।
साथियों,22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम,देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा। 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे।
मैं देश की सभी राज्य सरकारों से भी आग्रह करूंगा कि वोजनता-कर्फ्यूका पालन कराने का नेतृत्व करें।
NCC,NSS,से जुड़े युवाओं,देश के हर युवा,सिविल सोसायटी,हर प्रकार के संगठन,इन सभी से भी अनुरोध करूंगा कि अभी से लेकर अगले दो दिन तक सभी कोजनता-कर्फ्यूके बारे में जागरूक करें।
संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए।
साथियों,ये जनता कर्फ्यू एक प्रकार से हमारे लिए,भारत के लिए एक कसौटी की तरह होगा।
ये कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई के लिए भारत कितना तैयार है, ये देखने और परखने का भी समय है।