विश्व के प्रमुख धर्म कौन से हैं उनकी महत्वपूर्ण विशेषताओं पर प्रकाश डालिए
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✎... विश्व के प्रमुख धर्म और उनकी महत्वपूर्ण विशेषातायें इस प्रकार हैं...
ईसाई धर्म : इस धर्म के संस्थापक ईसा मसीह को माना जाता है। इस धर्म की उत्पत्ति 2000 वर्ष पूर्व हुई थी। ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ बाइबिल है। ईसाई धर्म के अनुयायियों की संख्या विश्व में सर्वाधिक है। इसके अनुयाई मुख्य रूप से यूरोप, उत्तरी एवं दक्षिणई अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका आदि में पाए जाते हैं। ईसाई धर्म एक ईश्वरवाद में यकीन रखता है।
ईसाई धर्म की मान्यतानुसार ईसा मसीह ईश्वर के पुत्र है, जो धरती पर प्रेम और भाईचारे का संदेश देने आये थे।
इस्लाम धर्म : यह विश्व का दूसरे नंबर का प्रमुख धर्म है। इस धर्म के संस्थापक पैगंबर हजरत मोहब्बत माने जाते हैं। इस्लाम धर्म की उत्पत्ति सऊदी अरब में लगभग 1400 वर्ष पूर्व हुई थी। इस्लाम धर्म के अनुयाई विश्व में दूसरे स्थान पर हैं। इस धर्म के अनुयाई अधिकतर मध्य और पश्चिमी एशिया, अफ्रीका, दक्षिणी एशिया आदि में पाए जाते हैं। इस धर्म का मुख्य ग्रंथ कुरान है।
इस्लाम धर्म का मूल सिद्धांत ईश्वर के निराकार रूप का होना है। इस्लाम धर्म ईश्वर को निराकार मानता है और मूर्ति पूजा का विरोधी है।
हिंदू धर्म (सनातन धर्म) : यह विश्व का सबसे अधिक प्राचीन धर्म है, जिसकी विश्व में सभ्यता के आरंभ से ही मानी जाती है। इसकी स्थापना का श्रेय किसी व्यक्ति विशेष को नहीं दिया जाता। इस धर्म के अनुयायियों की संख्या विश्व में तीसरे स्थान पर हैं और हिंदू धर्म के भारत का प्रमुख धर्म है। इसके अनुयाई अधिकतर भारत, नेपाल, दक्षिणी एशिया, फिजी, सूरीनाम, गयाना, त्रिनिदाद, मॉरीशस आदि में पाए जाते हैं। हिंदु धर्म के कई ग्रंथ है, जिनमें वेद, पुराण, रामायण, महाभारत, भागवतगीता, उपनिषद आदि के नाम प्रमुख हैं।
हिंदू धर्म ईश्वर के निराकार और साकार दोनों रूपों को मानता है। हिंदू धर्म बहुदेववादी धर्म है, जिसमें अनेक देवी-देवताओं को महत्व दिया गया है, और उनकी पूजा की जाती है। हिंदु धर्म एक धर्म ही नही बल्कि एक जीवन पद्धति है, जिसकी किसी ने स्थापना नही की बल्कि ये चिर काल से स्वतः ही चला आ रहा है।
जैन धर्म : यह बेहद कम संख्या वाला एक धर्म है, जिसके अनुयायी अधिकतर भारत में ही पाए जाते हैं। जैन धर्म की स्थापना महावीर स्वामी ने लगभग 2500 वर्ष पूर्व की थी।
जैन धर्म हिंदु धर्म से उत्पन्न हुआ है। इसकी मान्यतायें और सिद्धांत भी हिंदु धर्म से काफी मिलते हैं।
बौद्ध धर्म : बौद्ध धर्म की का आरंभ भारत में ही हुआ और यह हिंदू धर्म से ही निकला धर्म है। इस धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध माने जाते हैं। जिन्होंने लगभग 2500 वर्ष पूर्व ही इस धर्म को प्रतिपादित किया था। बौद्ध धर्म के अनुयायी भारत के अलावा श्रीलंका, म्यानमार, दक्षिण-पूर्व एशिया, जापान, कोरिया, चीन, वियतनाम, थाईलैंड आदि कई देशों में पाए जाते हैं।
बौद्ध धर्म की उत्पत्ति भी भारत में ही हिंदू धर्म से ही हुई है और इस के प्रवर्तक माने जाने वाले गौतम बुद्ध एक हिंदू राजकुमार थे। जिन्होंने ज्ञान प्राप्ति के बाद बौद्ध धर्म की स्थापना की। बौद्ध धर्म के अनेक मान्यताएं एवं सिद्धांत हिंदू धर्म के समान ही हैं, तो वहीं कुछ मान्यताएं सिद्धांत हिंदु धर्म के एकदम विपरीत हैं।
सिक्ख धर्म : सिक्ख धर्म भी भारत में उदित हुआ धर्म है। इसके संस्थापक गुरु नानक देव हैं। इसके अनुयायी अधिकतर भारत में ही पाये जाते हैं। इस धर्म का मुख्य ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब है।
सिख धर्म के अनुयाई अपने सिर पर पगड़ी धारण करते हैं और वह पांच ककार अर्थात कच्छा, कृपाण, केश, कड़ा और कंघा इन पाँच वस्तुओं को धारण करना आवश्यक मानते हैं। सिख धर्म की उत्पत्ति भी भारत में ही हिंदू धर्म के माध्यम से हुई।
यहूदी धर्म : यह भी एक प्राचीन धर्म है, जिसके अनुयायिों की संख्या विश्व में बहुत अधिक नहीं है। यह ईसाई धर्म का पूर्ववर्ती धर्म है। ईसा मसीह भी यहूदी धर्म से संबंध रखते थे। इस्लाम धर्म भी इसी धर्म से उदित हुआ। यहूदी धर्म के प्रमुख मूसा माने जाते हैं।
इसके अतिरिक्त विश्व में कुछ अन्य धर्म जैसे शिंतो धर्म, पारसी धर्म आदि हैं।
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