Social Sciences, asked by manishvyash38, 1 month ago

विश्व के सबसे विशाल लोएस का नाम लिखें​

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Answered by sakshi200736
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Answer:

लोएस पठार (लोएस प्लैटो) या हुआंगतु पठार (हुआंगतु गाओयेन) चीन की पीली नदी के ऊपरी और मध्य भागों में ६,४०,००० किमी२ पर विस्तृत एक पठार है।

Answered by sadiaanam
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Answer:

हुआंगतु पठार 

Explanation:

लोएस पठार , चीनी (पिनयिन) हुआंग्टू गाओयुआन या (वेड-गाइल्स रोमनीकरण) हुआंग-त'उ काओ-युआन , उत्तर-मध्य चीन में हाइलैंड क्षेत्र, शांक्सी , उत्तरी हेनान , शानक्सीऔर पूर्वी गांसु प्रांतों और मध्य के अधिकांश भाग को कवर करता है। हुआंग हे (पीली नदी) बेसिन का हिस्सा । लगभग 4,000 फीट (1,200 मीटर) की ऊँचाई पर और लगभग 154,000 वर्ग मील (400,000 वर्ग किमी) को कवर करते हुए, यह दुनिया का सबसे बड़ा लोएस पठार है । यह क्षेत्र सुक्ष्म, पवन-निक्षेपित, पीले रंग के जलोढ़ के आवरण से ढका हुआ है जिसे लोएस कहा जाता है, जिसे हुआंग हे द्वारा निलंबन में भी ले जाया जाता है। लोएस की परतें मोटाई में औसतन 165-260 फीट (50-80 मीटर) होती हैं और अंतर्निहित सतहों की विस्तृत राहत को मुखौटा बनाती हैं। विरल वनस्पतियों, गर्मियों में भारी वर्षा और नालियों के कारण लोएस अत्यधिक कटाव के अधीन है । सरकार ने भूमि के बेहतर कृषि उपयोग की अनुमति देने के लिए व्यापक पैमाने पर वनीकरण और सीढ़ीदार के माध्यम से कटाव को नियंत्रित करने के लिए कार्यक्रम चलाए हैं। पठार पर अनाज प्रमुख फसल है।लोएस मरुस्थलीय क्षेत्रों के बाहर पवन द्वारा उड़ाकर लाए गए धूल व मिट्टी के महीन कणों के वृहद जमाव को कहा जाता है। ये कण इतने महीन होते हैं कि, हवा इन्हें बहुत दूर तक उड़ा ले जाती है। लोएस के जमाव में अन्य अवसादी चट्टानों की भांति संस्तरों का पूर्णत: अभाव होता है। इस तरह के जमावों का 'लोएस' नाम जर्मनी के अल्सेस प्रांत में स्थित 'लोएस ग्राम' के नाम पर पड़ा है, जहां ऐसी सूक्ष्म मिट्टियों का निक्षेप प्रचुर मात्रा में मिलता है।वर्ष 1821 में राइन नदी घाटी में बने मिट्टी के इस तरह के जमाव के लिए पहली बार 'लोएस' शब्द का इस्तेमाल किया गया था।लोएस मिट्टियाँ प्राय: अधिक सरंध्र, बहुत उपजाऊ और कृषि के उपयुक्त होती हैं।उत्तरी चीन में कई सौ मीटर की मोटाई वाला लोएस का जमाव पाया जाता है।इसका निर्माण मध्य एशिया के गोबी मरुस्थल से पवन द्वारा उड़ाकर लाई गई मिट्टियों से हुआ है।लोएस में क्वार्ट्रज, फेल्सपार, अभ्रक तथा कैल्साइट इत्यादि खनिजों का मिश्रण पाया जाता है।ऑक्सीकरण की वजह से इनका रंग पीला या भूरा होता है।अन्य अपक्षय क्रियाओं का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।चीन की लोएस रेगिस्तानी है, जबकि यूरोप में जर्मनी, फ़्राँस, बेल्जियम इत्यादि देशों की लोएस हिमनदीय है।

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