Geography, asked by AshishTaank1248, 5 months ago

विश्व में आज 10 लाख से अधिक जनसंख्यावाले महानगरों की संख्या कितनी है? *

Answers

Answered by BharatMandloi
2

Answer:

SORRY FOR BIG ANSWER

PLEASE MARK AS BRAINLIST

दुनिया का सबसे बड़ा शहर कहां है? इस आसान सवाल का जवाब देना इतना मुश्किल क्यों है?

अगर आप इंटरनेट पर दुनिया के सबसे बड़े शहरों को सर्च करें, तो आपको कई जवाब मिलेंगे: टोक्यो, सियोल, चुंगचिंग, शंघाई ...

इनमें से आप किसे ये दर्जा देते हैं, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि "शहर" से आपका अभिप्राय क्या है.

ज़्यादातर विशेषज्ञ आपसे कहेंगे कि तीन करोड़ साठ लाख की आबादी वाला टोक्यो विश्व का सबसे विशाल महानगर है.

लेकिन इस शहर के मुख्य हिस्से, यानी अगर बाहरी इलाक़ों को निकाल दिया जाए, में सिर्फ़ 80 लाख लोगों का निवास है.

लेकिन अगर टोक्यो का नाम रिकार्ड बुक्स में आता है तो उसकी वजह है उसके आसपास के इलाक़े जो अब एक ही शहर का हिस्सा लगते हैं.

इसमें जापान के दूसरे सबसे बड़े शहर योकोहामा के अलावा 86 दूसरे शहर भी शामिल हो गए हैं.

योकोहामा की जनसंख्या ही तीस लाख साठ हज़ार है.

किसी शहर की सीमा को निर्धारित करना आसान काम नहीं है - इसमें अनुरूपता के लिए अंतरराष्ट्रीय मापदंडो का निर्धारण नहीं किया गया है.

बीस में तीस

तीन शोधकर्ताओं ने वर्ष 2009 में एक शोध के दौरान जनसंख्या के आधार पर आठ अलग-अलग सूचियों की तुलना की और पाया कि विश्व के सबसे बड़े बीस महानगरों में तीस बड़े शहरों के नाम थे.

इन शोधकर्ताओं में से एक अमरीका के ईलिनोए विश्वविद्यालय में भूगोल के सह-प्रोफ़ेसर रिच ग्रीन, का कहना था कि यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र ने इस विषय पर जो आधिकारिक सूची जारी कर रखी है, उसमें मामला कुछ ऐसा है जैसे "सेब की तुलना नाशपाती से की गई हो."

उन्होंने कहा कि जब हम शहर के बारे में सोचते हैं, तो तीन अवधारणाओं को सामने रखते हैं.

सबसे पहली बात जो ध्यान में रखी जाती है वो होती है कि क्या वो एक म्यूनिस्पिलटी है या उसकी क़ानूनी मान्यता समझ लीजिए.

दूसरा होता है, शहर में निर्मित इलाक़े कहां तक फैले हुए हैं.

तीसरा मामला होता है महानगरीय क्षेत्र का, जिसे कुछ लोग शहर का प्रभाव भी बताते हैं - शहर में लोग कितने फ़ासले से प्रत्येक दिन आते हैं, यानी शहर का प्रभाव वहां तक पहुंचता है.

टोक्यो

ज़्यादातर विशेषज्ञ टोक्यो को विश्व का सबसे बड़ा महानगर उसकी बड़ी जनसंख्या और बड़े शहरी इलाक़े के आधार पर मानते हैं.

चुंगचिंग में जिन तीन करोड़ लोगों का निवास बताया जाता है उनमें से अधिकांश खेती के कामों में लगे हैं.

शायद टोक्यो साल 2025 तक भी विश्व का सबसे बड़े महानगर का दर्जा हासिल किए रहे, हालांकि इस दौरान उसकी जनसंख्या में बहुत अधिक बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं है.

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार भारत के दो बड़े महानगर - दिल्ली और मुबंई भी तब तक इस दौर में शामिल हो चुके होंगे, जिनकी आबादी क्रमश: तब तक अनुमान के मुताबिक़ दो करोड़ नब्बे लाख और दो करोड़ साठ लाख तक पहुंच चुकी होगी.

लेकिन उस देश के शहरों का क्या जिसके बारे में हर तरफ़ चर्चा है - यानी चीन?

चीन के शहर इतनी तेज़ी से बढ़े हैं कि कि वहां की आधी आबादी शहरों में बसी बताई गई है. इसकी घोषणा सरकार ने इसी माह के शुरूआत में की.

चुंगचिंग

अमरीकी पत्रिका टाईम ने साल 2005 में कहा, "चुंगचिंग रातों रात न सिर्फ़ चीन का बल्कि विश्व का सबसे बड़ा महानगर बन गया है."

लेकिन ये सच नहीं है. चुंगचिंग दुनिया में क्या, चीन का भी सबसे बड़ा शहर नहीं है.

लेकिन आख़िर इतने लोग ऐसा क्यों सोचते हैं?

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर किम विंग चैन कहते हैं कि चीन जिसे नगरपालिका या शहर बतलाता है उसे सूबे के तौर पर समझा जाना चाहिए.

प्रोफेसर किम विंग चैन के अनुसार चुंगचिंग की तीन करोड़ जनसंख्या में से ज़्यादातर सही मायने में कृषक हैं और ग्रामीण परिवेश में निवास करते हैं.

वो कहते हैं कि सच तो ये है कि ये इलाक़ा इतना बड़ा है कि इसकी सीमा ऑस्ट्रिया जितनी है.

Similar questions