विश्व में हे फूल! तू सबके हृदय भाता रहा,
दान कर सर्वस्व फिर भी हाय हर्षाता रहा।
जब न तेरी ही दशा पर दुःख हुआ संसार को,
कौन रोएगा सुमन! हम से मनुज निस्सार को?
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विश्व में हे फूल! तू सबके हृदय भाता रहा,
दान कर सर्वस्व फिर भी हाय हर्षाता रहा।
जब न तेरी ही दशा पर दुःख हुआ संसार को,
कौन रोएगा सुमन! हम से मनुज निस्सार को?
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