विश्व पटल पर भारत का बड़ता विर्चस्य
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देश बन कर रह गया है | इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है कि एक देश के तीन-तीन
प्रचलित नाम हों | क्या विश्व के किसी देश में यह सम्भव हो सकता है कि उसके एक से –
एक से अधिक नाम हों | शायद नहीं?,किन्तु हमारे भारतवर्ष के सरकारी और गैर सरकारी
दोनों क्षेत्रों में देश के तीन-तीन नामों को औपचारिक मान्यता प्राप्त है | जी हां, भारत जैसे
निरपेक्ष (हर मामले में) देश में यह हो रहा है और खूब धड़ल्ले से हो रहा है | इस प्रक-
रण में न हमें अपनी स्वंय की अस्मिता का लिहाज है और न ही देश की अस्मिता का |-
हमारे अंग्रेजी भक्त मैकाले के सुपुत्रगण राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को ‘इन्डिया’
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